________________
३१४ ]
प्र. विक्रम संवत् ११-१४०० वै० शु० ३ बुधवार
१२ - १४०४ वै० शु० १२ १३-१४०६ ज्ये० कृ० ६ रविवार
१४- १४१४ वै० शु० १०
प्र. प्रतिमा
आदिनाथ माणिक्यसूरि
अजितनाथ कुंथुनाथ
महावीर
१५ - १४२० वै० शु० १० पार्श्वनाथ मड़ाहड़ीय
बुधवार १८- १४२६ वै० शु० १० शांतिनाथ
रविवार
२१
बुधवार
१६- १४२३ ज्ये ० शु० ६ शनिवार १७- १४२५ वै० शु० १० पार्श्वनाथ जयप्रभसूरिपट्टे श्री हेमचंद्रसूरि श्रीसूर
१६- १४२६ ज्ये० शु०२ पंचतीर्थी
सोमवार २०–१४३६ वै० कृ० ११ मंगलवार
92
:: प्राग्वाट - इतिहास ::
प्र. श्राचार्य:
२३ - १४४० वै० कृ० १३
सोमवार
पूर्णचंद्र शांतिनाथ नड़ी० सर्वदेवसूरि
सोमसेण (१) सूरि
साधुपूर्णिमा ०
जिनसिंह सूरि
सोमतिलकसूरि
शांतिनाथ - रत्नप्रभसूरि पंचतीर्थी
.......
प्रा०ज्ञा०
२४ - १४४१ फा० शु० १ शांतिनाथ मड़ा० श्री० सोमवार
२५- १४४६ वै० कृ० ३ शांतिनाथ
प्रतिमाप्रतिष्ठापक श्रेष्ठ
हरिभद्रसूरि मड़ा० मुनिप्रभसूरि
[ तृतीय
प्रा०ज्ञा० श्रे० हाना ने पिता के श्रेयार्थ.
प्रा० ज्ञा० श्रे० लूंपा ने अपने पिता छारा, माता भलदेवी के श्रेयार्थ.
आदिनाथ- मड़ा० विजयसिंह- प्रा० ज्ञा० श्रे० संग्रामसिंह ने पिता चहथ, माता पंचतीर्थी चाहणदेवी के श्रयार्थ. २२- १४४० पौ० शु० १२ आदिनाथ मड़ा० सोनचंद्र
सूरि कमलचंद्रसूरि
प्रा०ज्ञा० ० झांझण ने अपने पिता श्रशपाल, माता लक्ष्मीदेवी के श्रेयार्थ.
प्रा० ज्ञा० श्रे० 'सोनपाल ने स्व भा० पूनी सहित पिता कर्मसिंह, माता माल्हणदेवी के श्रयार्थ. प्रा० ज्ञा० ० भीमसिंह ने पिता रणसिंह तथा माता के श्रेयार्थ
प्रा०ज्ञा ० ० जाला ने अपने पिता तिहुणसिंह, माता मुक्तादेवी के श्रेयार्थ.
प्रा० ज्ञा० ० राणा ने पिता सहजा, माता सोमलदेवी, काका कुंअर, भ्राता डूंगर आदि के श्रार्थ. प्रा० ज्ञा० श्रे० " "ने पिता वसारा, माता पूनी के श्रेयार्थ.
प्रा० ज्ञा० श्रे० राणा ने पिता धनपाल, माता पूजी, पितृभ्राता रामा के श्रयार्थ.
प्रा० ज्ञा० ० पाका ने पिता तथा माता पालुदेवी के श्रेयार्थ.
प्रा० ज्ञा० ० झाझा, पांचा, दापर आदि ने पिता सहजा, माता गांगी, पितृभ्राता हेमराज के श्र ेयार्थ. प्रा० ज्ञा० श्रे० खेता भार्या खेतलदेवी के पुत्र रणसिंह ने अ० प्रा० जै० ले० सं० भा० २ ले० (११) ५६७, (१२) ५६८, (१३) ५६६, (१४) ५७२, (१५) ५७५, (१६) ५८१, (१७) ५८२, (१८) ५८५, (१६) ५८६, (२०) ५६४, (२१) ५६५, (२२) ५६६, (२३) ५६७, (२४) ५६६, (२५) ६०२
प्रा०ज्ञा ० ० झाँटा ने पिता नींदा, माता सुमलदेवी के यार्थ.