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जैन चर्या में अहिंसकाहार शरीर की पाचन शक्ति को बढ़ाएं, सातों धातुओं में शीघ्रता से परिवर्तित हो जाए तथा रोग निरोधक क्षमता में वृद्धि कराये। आहार के प्रकार -
प्रत्येक प्राणी अपने शरीर के योग्य आहार ग्रहण करता है। इस कारण आहार को दो भागों में विभाजित किया गया है। शाकाहार, माँसाहार। (१) शाकाहार - जैन आचार संहिता में दो प्रकार के संसारी जीवों का वर्णन प्राप्त होता है। जिनमें स्थावर जीव और त्रस जीव। एकेन्द्रिय आदि पंच प्रकार के स्थावर जीव परिगणित किये जाते हैं जिनमें वनस्पतिकायिक जीवों को शाकाहारी आहार की श्रेणी में रखा गया है। इस शाकाहारी आहार को भी खाद्य, लेय, पेय, स्वाद्य इन चार भागों में बांटा जा सकता है। तथा भोजन की दृष्टि से देखा जाए तो वनस्पति को हम निम्न प्रकार से भी उपयोग में लेते हैं।
पत्तियाँ- शाकाहारी खाद्य पदार्थों में व्यक्ति वृक्ष की पत्तियों का प्रयोग भी करता है। जिसमें पालक, मैथी इत्यादि पत्तियां प्रमुख हैं। वृक्ष की पत्तियों का प्रयोग जहां सामान्य जीवन में उपयोगी है वहीं आयुर्वेद में भी इनकी उतनी है महत्ता है।
फल-फल मानव जीवन में मानव के शरीर में अधिक पौष्टिकता तथा गुणकारी प्रोट्रीनों की पूर्ति करते हैं।
सब्जी-सब्जी मानव के आहार का प्रमुख खाद्य पदार्थ है इसके बिना भोजन नीरस तथा स्वाद रहित महसूस होता है इसके खाने से मानव के शरीर में प्रोट्रीनों की पूर्ति होती है।
दलहन-सब्जी के साथ स्वाद बढ़ाने के लिए दलहन का बहुतायत से प्रयोग होता है।
जमीकंद- कुछ परिवारों में जमीकंद भी प्रयोग में लिये जाते हैं जिनमें आलू, गाजर, मूली, शकरकंद इत्यादि प्रमुख हैं।
जीवोत्पादक पदार्थ- शाकाहारी प्राणियों के लिए जीवोत्पादक शाकाहारी दूध, दही, मिष्ठान्न आदि भी ग्राह्य है।
रस- मानव शरीर के अवशिष्ट पदार्थों की पूर्ति के लिए रस अत्यावश्यक पदार्थ माना गया है। (२) माँसाहार -
जैनधर्म में स्थावर जीवों के अतिरिक्त जीव त्रस, जीव कहलाते हैं। जिसमें दो इन्द्रिय लट आदि, त्रीन्द्रिय चींटी आदि, चतुंन्द्रिय भौंरा, मक्खी, मच्छर आदि, पंचेन्द्रिय जीव मानव तिर्यञ्च आदि जीवों के शरीर का भक्षण करना मांसाहार की कोटि में आता है। दूसरे प्राणियों के शरीर से उत्पन्न होने वाला जो पदार्थ मांस की कोटि में आता है वह मांसाहार कहलाता है। मांसाहार एवं शाकाहार में अन्तर१. जो ऊर्जा एक किलों मांस में मिलती है वही ऊर्जा १०० ग्राम मैथी के पत्तों में मिलती है। २. शाकाहारी दलहनों में मांस या अण्डों की अपेक्षा प्रोटीन का प्रतिशत अधिक है। ३. शाकाहारी भोजन में मांसाहारी भोजन से अधिक चर्बी बनाने की क्षमता है।