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विषयानुक्रमणिका
विषय
लेखक का नाम पृष्ठ संख्या 1 जैन कथा साहित्य : एक समीक्षात्मक सर्वेक्षण -प्रो. सागरमल जैन 5-13 2 भारतीय कला में जैन दर्शन व कला का संगम -डॉ. मुक्ति पाराशर 14-18 3 वैचारिक समन्वय के रूप में अनेकान्तवाद - रामनरेश जैन 19-24 4 आचार्य श्री शांतिसागर जी एवं श्रमण परंपरा : कल आज और कल
- प्राचार्य पं. निहालचंद जैन 25-33 5 न्यायाचार्य महेन्द्रकुमार जैन और उनके द्वारासम्पादित सिद्धिविनिश्चय टीका
- डॉ. रमेशचन्द जैन
34-39 6 समण सुत्तं में उद्धृत कर्म सूत्रों की उपादेयता - समणी आगमप्रज्ञा 40-45 7 आचार्य हेमचन्द्र के मतानुसार जैन प्रमाणमीमांसा - विकास सिंह
46-50 8 Jainism, Quantum Physics and Evolving Spiritualism
- Dr. M. B. Modi 51-70 9 आचार्य वट्टकेर विरचित मूलाचार और प्रायश्चित्त व्यवस्था
___- डॉ. कमलेशकुमार जैन 71-77 10 णवकार-मंत्र माहात्म्य
- डॉ. उदयचन्द्र जैन
78-81 11 श्रुत पंचमी पर्व पर राष्ट्रीय व्याख्यानमाला
82-83 12 भेद रत्नत्रय - अभेद रत्नत्रय तत्वार्थश्लोकवार्तिकालंकार के परिप्रेक्ष्य मे
- डॉ. आनंद कुमार जैन 84-86 13 श्रुत-पंचमी-पर्व: श्रुत-साधना का प्रेरक-स्रोत- डॉ. राजाराम जैन 87-94 14 श्रद्धांजलि - लाला शीलचन्द जैन जौहरी 15 ग्रन्थ समीक्षा