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श्रुत पंचमी पर्व पर राष्ट्रीय व्याख्यानमाला केवल जैनों के लिये नहीं है। भारतीय संस्कृति का अध्ययन करने आये विदेशी कई पाण्डुलिपियाँ अपने साथ ले गये। इस तरह विदेशों में लाखों पाण्डुलिपियाँ हैं, जिनका अध्ययन होना ही चाहिए।
कार्यक्रम का संचालन पं. निहालचंद जैन, निदेशक-वीर सेवा मंदिर ने किया। मंगलाचरण एवं भजनों की प्रस्तुति युवा संगीतकार श्री सिद्धार्थ जैन ने की। पं. आलोक कुमार जैन उपनिदेशक- वीर सेवा मंदिर ने तीर्थकरों और जिनवाणी को अर्घ्य समर्पण कराया। चित्र अनावरण, दीपप्रज्वलन और ध्वजारोहण मंचस्थ विभूतियों और कार्यकारिणी के सदस्यों ने किया। संस्था के अध्यक्ष श्री सुभाष जैन ने संस्था की स्थापना और उद्देश्यों पर प्रकाश डाला
और महामंत्री श्री विनोद कुमार जैन ने स्वागत भाषण प्रस्तुत किया। कार्यक्रम के अन्त में मंत्री श्री योगेश जैन ने उपस्थित सभी महानुभावों का आभार व्यक्त किया और संस्था के वरिष्ठ सदस्य श्री रूपचंद कटारिया द्वारा जिनवाणी स्तुति के साथ कार्यक्रम संपन्न हुआ।
उक्त महोत्सव कार्यक्रम में देश के गण्यमान्य विद्वान, वीर सेवा मंदिर के पदाधिकारीगण एवं प्रबुद्ध समाज श्रेष्ठी पधारे जिनमें प्रमुख हैं सर्व श्री भारत भूषण जैन एडवोकेट (शाकाहार) एवं वरिष्ठ उपाध्यक्ष वीर सेवा मंदिर, प्रो० एम० एल० जैन-सदस्य सम्पादक मण्डल अनेकान्त शोध त्रैमासिकी एंव वरिष्ठ सलाहकार, वीरेन्द्र कुमार जैन कोषाध्यक्ष वीर सेवा मंदिर, दिनेश जैन संयुक्त मंत्री वीर से मंदिर, प्रो० डा० सुदीप जैन, डा० फूलचंद प्रेमी-निदेशक बी. एल.इन्स्टीट्यूशन ऑफ इण्डोलॉजी दिल्ली, आचार्य गोपी लाल अमर, डा० सुरेन्द्र भारती बुरहानपुर- महामंत्री अ०भा० दि० जैन विव्दत्परिषद, डा० कमलेश कुमार जैन जयपुर, प्रो० वी० पी० जैन, प्रो० डा० जय कुमार उपाध्ये-रा० संस्कृत विद्यापीठ दिल्ली, डा० नरेन्द्र कुमार जैन गजियाबाद, डा० सुरेश कुमार जैन, जैन समाज दिल्ली के अध्यक्ष चकेश कुमार जैन, पूर्व महासचिव लोकसभा-चकेश जैन, धनपाल सिंह जैन अध्यक्ष नैतिक शिक्षा समिति दिल्ली, डा० सविता जैन दिल्ली, डा० रजनीश शुक्ल, डा० कुलदीप कुमार, धर्मभूषण जैन सी० ए०, विमल प्रसाद जैन, मदन लाल जैन, अनिल जैन(काठमाण्डू) दीपचंद जैन स्वराज जैन, प्रो० एम० मोदी दिल्ली विश्व विद्यालय एवं रमेश जैन (नवभारत टाइम्स) आदि उपस्थित रहे। - योगेश जैन
- विनोद कुमार जैन मंत्री
महामंत्री
नोट :- श्रुतपंचमी महोत्सव की चित्रमय झलकियाँ कवर पृष्ठ २ एवं ३ पर देखें।