________________
समाधितन्त्र में प्रतिपादित अन्तरात्मा
-प्रो. फूलचन्द जैन प्रेमी, वाराणसी
ईसा की छठी शती के महान् जैनाचार्य देवनन्दि पूज्यपाद श्रमण संस्कृति के सुविख्यात आचार्य हैं। इन द्वारा रचित समाधितन्त्र, इष्टोपदेश, सर्वार्थसिद्धि (तत्त्वार्थवृत्ति), सिद्धिप्रियस्तोत्र, दशभक्ति तथा जैनेन्द्र व्याकरण जैसे महनीय ग्रन्थरत्नों के अध्ययन से स्पष्ट है कि आ. पूज्यपाद में महान् कवि, दार्शनिक एवं वैयाकरण - ये तीनों विशेष गुणों का रत्नत्रय की तरह एकत्र समवाय पाया जाता है। तभी तो ज्ञानार्णव ग्रन्थ के कर्ता आचार्य शुभचन्द्र ने आपकी वन्दना करते हुए कहा है -
अपाकुर्वन्ति यद्वाचः कायवाञ्चित्तसम्भवम्।
कलंकमड्.िगनां सोऽयं देवनन्दि नमस्यते।। १/१५ अर्थात् जिनकी शास्त्रपद्धति प्राणियों के शरीर, वचन और चित्त (मन) के सभी प्रकार के मल (बुराईयों) को दूर करने में समर्थ है, उन देवनन्दि आचार्य को नमन करता हूँ। इनके द्वारा सृजित कृतियों में समाधितन्त्र एवं इष्टोपदेश- ये दो आध्यात्म की प्रतिपादक महान् कृतियाँ हैं।
समाधितन्त्र जिसका दूसरा नाम 'समाधिशतक' भी है, में १०५ पद्य हैं। इसके कर्ता आचार्य पूज्यपाद व्याकरण और काव्य - इन दोनों विधाओं के अपने समय के देश के ख्याति प्राप्त विद्वान् आचार्य थे। समाधितन्त्र अध्यात्म विद्या का अनुपम ग्रन्थ है। इसमें आपने आत्मा के तीन भेद अर्थात् बहिरात्मा, अन्तरात्मा और परमात्मा का बड़ी सूक्ष्मता से स्वरूप विवेचन किया है। अध्यात्म विषयक जैन साहित्य के अध्ययन से स्पष्ट होता है कि आ. पूज्यपाद के इस समाधितंत्र पर आचार्य कुन्दकुंद की चिन्तनधारा, विशेषकर मोक्षपाहुड़, नियमसार, समयसार इन ग्रंथों का विशेष प्रभाव है। इसी प्रकार आचार्य शुभचन्द्र के ज्ञानार्णव के अध्ययन से यह स्पष्ट है कि ये आ. पूज्यपाद के समाधितंत्र से काफी प्रभावित हैं। विशेषकर ज्ञानार्णव के २९वें "शुद्धोपयोगविचार" नामक प्रकरण के अध्ययन से तो ऐसा लगता है कि उन्होंने समाधितंत्र के अभिप्राय को यथावत् आत्मसात् कर लिया है। समाधितन्त्र-अनुशीलन
आचार्य देवनन्दि पूज्यपाद विरचित समाधितंत्र जैसे अध्यात्म प्रधान ग्रन्थ पर “समाधि तंत्र अनुशीलन" नामक विस्तृत विवेचनात्मक व्याख्या करने वाले सन्त आचार्य विशुद्धसागर जी महाराज ने अपने आध्यात्मिक चिन्तन और चर्चा के माध्यम से अपना विशेष स्थान बना लिया है। इस तरह के आपके अनेक ग्रंथों पर विशेष प्रवचनों एवं लेखन के माध्यम से