Book Title: Agam 15 Upang 04 Pragnapana Sutra Part 02 Sthanakvasi
Author(s): Ghasilal Maharaj
Publisher: A B Shwetambar Sthanakwasi Jain Shastroddhar Samiti
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प्रज्ञापनासूत्रे स्तोकाः देवाः ऊर्ध्वलोके, अलोकतिर्यग्लोके असंख्येयगुणाः, त्रैलोक्ये संख्येयगुणाः, अधोलोक तिर्यग्लोके संख्येयगुणाः, अधोलोके संख्येयगुणाः,तिर्यग्लोके संख्येयगुणाः, क्षेत्रानुपातेन सर्वस्तोका देव्यः ऊर्ध्वलोके ऊर्ध्वलोकतिर्यग्लोके असंख्येयगुणाः, त्रैलोक्ये संख्येयगुणाः, अधोलोकतिर्यग्लोके संख्येयगुणाः, अधोलोके संख्येयगुणाः, तिर्यग्लोके संख्येयगुणाः ॥३०॥ संखेज्जगुणाओ) तिर्यक्लोक में संख्यातगुणी हैं। ___ (खेत्ताणुवाएणं) क्षेत्र के अनुसार (सव्वत्थोवा देवा उडलोए) सबसे कम देव ऊर्ध्वलोक में हैं (उडलोयतिरियलोए असंखेज्जगुणा) ऊर्ध्वलोक-तिर्यक्लोक में असंख्यातगुणा हैं (तेलोक्के संखेज्जगुणा) त्रैलोक्य में संख्यातगुणा हैं (अहोलोय तिरियलोए संखेज्जगुणा) अधोलोक-तिर्यक्लोक में संख्यातगुणा हैं (अहोलोए संखेज्जगुणा) अधोलोक में संख्यातगुणा हैं (तिरियलोए संखेज्जगुणा) तिर्छलोक में संख्यातगुणा हैं। (खेत्ताणुवाएणं) क्षेत्र की अपेक्षा से (सम्वत्थोयाओ देवीओ) सब से कम देवियां (उद्दलोए) ऊर्ध्वलोक में हैं (उड़लोयतिरियलोए असंखेज्जगुणाओ) ऊर्ध्वलोक-तिर्यक्लोक में असं. ख्यातगुणी हैं (तेलोक्के संखेज्जगुणाओ) त्रैलोक्य में संख्यातगुणी हैं (अहोलोयतिरियलोए संखेज्जगुणाओ) अधोलोक-तिर्यक्लोक में संख्यातगुणी हैं (अहोलोए संखेज्जगुणाओ)अधोलोक में संख्यातगुणा हैं (तिरियलोए संखेज्जगुणाओ) तिर्यक्लोक में संख्यात गुणी हैं। ज्जगुणाओ) तियोxभा सज्यातngी छ.
(खेत्ताणुयाएण) क्षेत्रना अनुसार (सव्वत्थोवा देवा उड्ढलोए) माया मेछ। हेव शोभा छ (उड्ढलोयतिरियलोए असंखेजगुणा) असा तिय सभा मस ज्यातमा छ (तेलोक्के संखेजगुणां) यम सध्यात छ (अहोलोए तिरियलोए संज्जगुणा) अधोती तियxaxभा से ज्यात छ (अहोलोए संखेज्जगुणो) मधासमा सयात छ (तिरियलोए संखेज्जगुणा) तिय. લેકમાં સંખ્યાતગણું છે
(खेताणुवाएणं) क्षेत्रनी मपेक्षाये (सव्वत्थोवाओ देवीओ) पाथी माछी वीसी (उडढलोए) असभा छ (उड्ढलोयतिरियलोए असंखेजगुणाओ) 4
तयोमा २५सयातngी छ (तेलोक्के संखेज्जगुणाओ) सायमा यात छ (अहोलोयतिरियलोए सखे जगुणाओ) अघोटातिय सभा सज्यात मी छ (अहोलोए सखेज्जगुणाओ) अधोसोभा सध्यातगणी छ (तिरियलोए सखेज्जगुणाओ) (तय सभा सण्याती छ.
શ્રી પ્રજ્ઞાપના સૂત્ર : ૨