Book Title: Agam 15 Upang 04 Pragnapana Sutra Part 02 Sthanakvasi
Author(s): Ghasilal Maharaj
Publisher: A B Shwetambar Sthanakwasi Jain Shastroddhar Samiti
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प्रमेयबोधिनी टीका पद ३ सू.३१ क्षेत्रतः भवनपत्यादि देवानामल्पबहुत्वम् २८९ ख्येयगुणाः, अधोलोके संख्येयगुणाः, तिर्यग्लोके संख्येयगुणाः, क्षेत्रानुपातेन सर्वस्तोकाः ज्योतिष्का देवा ऊर्ध्वलोके, ऊर्ध्वलोकतिर्यग्लोके असंख्येयगुणाः, त्रैलोक्ये संख्येयगुणाः, अधोलोकतिर्यग्लोके असंख्येयगुणाः, अधोलोके संख्येयगुणाः, तिर्यग्लोके असंख्येयगुणाः क्षेत्रानुपातेन सर्वस्तोकाः ज्योतिष्क्यो देव्यः ऊर्ध्वलोके, ऊर्ध्वलोकतिर्यग्लोके असंख्येयगुणाः, त्रैलोक्ये संख्येयगुणाः, अधोहैं (अहोलोयतिरियलोए) अधोलोक-तिर्यग्लोक में (असंखज्जगुणाओ) असंख्यातगुणी हैं (अहोलोए संखेज्जगुणाओ) अधोलोक में संख्यातगुणी हैं (तिरियलोए संखेज्जगुणाओ) तिर्य ग्लोक में संख्यातगुणी हैं। ___(खेत्ताणुवाएणं) क्षेत्र के अनुसार (सव्वत्थोवा जोइसिया देवा उडलोए) सब से कम ज्योतिष्क देव ऊर्ध्वलोक में हैं (उडुलोयतिरियलोए असंखज्जगुणा) ऊर्ध्वलोक-तिर्य ग्लोक में असंख्यातगुणा हैं (तेलोक्के संखेज्जगुणा) त्रैलोक्य में संख्यातगुणा हैं (अहोलोयतिरियलोए असंखज्जगुणा) अधोलोक-तिर्यक्लोक में असंख्यातगुणा हैं (अहोलोए संखेज्जगुणा) अधोलोक में संख्यातगुणा हैं (तिरियलोए असंखेज्जगुणा) तिर्यग्लोक में असंख्यातगुणा हैं। __ (खेत्ताणुवाएणं) क्षेत्र के अनुसार (सव्वत्थोवाओ जोइसणीओ देवीओ उडलोए) सब से कम ज्योतिष्क देवियां ऊर्ध्वलोक में हैं (उडलोयतिरियलोए असंखेज्जगुणाओ) ऊर्ध्वलोक-तिर्यग्लोक में असंख्यातगुणी हैं (तेलोक्के संखेज्जगुणाओ) त्रैलोक्य में संख्यातगुणी हैं (अहोसभ्यात छे (अहोलोयतिरियलोए) अघोसो तिय सभा (असंखेज्जगुणाओ) असभ्यात छ (अहोलोए संखेज्जणागुओ) अयोमा सभ्यता छ (तिरियलोए सखेज्जगुणाओ) नियम सभ्यात .
(खेत्ताणुवाएणं ) क्षेत्रना अनुसा२ (सव्वत्थोवा जोइसिया देवा उडूढलोए) सौथी मौछ। यति०४ हेर म छ. (उडूढलोए तिरियलोए असंखेज्ज गुणा) aakaas तिमi मसच्यात छे. (तेल्लोक्के सखेज्जगुणा) सायमा सच्यात । छ. (अहोलोयतिरियलोए असंखेज्जगुणा) Aधाता तियोमा मसभ्यातमा छे. (अहोलोए संखेज्जगुणा) अधोसोभा सध्यात गया छे. (तिरियलोए असंखेज्जगुणा) तिय ४ असण्यात छ.
(खेत्ताणुवाएणं) क्षेचनी अनुसार (सव्वत्थोवाओ जोइसिणीओ देवीओ) सौथी माछी न्योति०४ हेवीयो Answi . (उड्ढलोयतिरियलोए असंखेज्जगुणाओ) sitalaas तिय सभा असभ्यात ग॥ छ. (तेलोक्के सखेज्जगुणाओ) सायमा सध्यातरी छ. (अहोलोयतिरियलोए असंखेज्जगुणाओ) मधासो
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શ્રી પ્રજ્ઞાપના સૂત્ર : ૨