Book Title: Agam 15 Upang 04 Pragnapana Sutra Part 02 Sthanakvasi
Author(s): Ghasilal Maharaj
Publisher: A B Shwetambar Sthanakwasi Jain Shastroddhar Samiti
View full book text
________________
३४०
प्रज्ञापनासूत्रे पर्याप्तकाः ऊर्ध्वलोकतिर्यग्लोके, अधोलोकतिर्यग्लोके विशेषाधिकाः, तिर्यगूलोके असंख्येयगुणाः, त्रैलोक्ये असंख्येयगुणाः, ऊर्श्वलोके असंख्येयगुणाः, अधोलोके विशेषाधिकाः, क्षेत्रानुपातेन सर्वस्तोकाः वनस्पतिकायिकाः ऊर्ध्वलोकतिर्यग्लोके अधोलोकतिर्यग्लोके विशेषाधिकाः, तिर्यग्लोके असंख्येयगुणाः, त्रैलोक्ये असंख्येयगुणाः, ऊर्ध्वलोके असंख्येयगुणाः, अधोलोके विशेषाधिकाः, क्षेत्रानुपातेन सर्वस्तोकाः वनस्पतिकायिकाः अपर्याप्तकाः ऊर्ध्वलोकतिर्यग्लोके, लोक तिर्यक्लोक में हैं (अहोलोयतिरियलोए विसेसाहिया) अधोलोक -तिर्यग्लोक में विशेषाधिक हैं (तिरियलोए असंखेज्जगुणा) तिर्यग्लोक में असंख्यातगुणा हैं (तेलोक्के असंखेज गुणा) त्रैलोक्य में असंख्यातगुणा हैं (उड्डलोए असंखिजगुणा) अर्घ्यलोक में असंख्यातगुणा हैं (अहोलोए विसेसाहिया) अधोलोक में विशेषाधिक हैं।
(खेत्ताणुवाएण) क्षेत्र के अनुसार (सव्वत्थोवा वणस्सइकाइया उडलोयतिरियलोए) सब से कम वनस्पतिकायिक ऊर्यलोक-तिर्यग्लोक में हैं (अहोलोयतिरियलोएविसेसाहिया) अधोलोक-तिर्यग्लोक में विशेषाधिक हैं (तिरियलोए असंखेजगुणा) तिर्यग्लोक में असंख्यातगुणा हैं (तेलोक्के असंखेजगुणा) त्रैलोक्य में असंख्यातगुणा हैं (उडलोए असंखिजगुणा) अप्रलोक में असंख्यातगुणा हैं (अहोलोए विसेसाहिया) अघोलोक में विशेषाधिक हैं।
(खेत्ताणुवाएणं) क्षेत्र के अनुसार (सव्यत्थोवा वणस्सइकाइया अपज्जत्तया उडलोयतिरियलोए) सब से कम वनस्पतिकायिक अपछ. (अहोलोयतिरियलोए विसेसाहिया) मघोडो तियोमा विशेषाधि छ. (तिरियलोए असंखेज्जगुणा) तिमी मस-यात छ. (तेलोक्के असंखेज्जगुणा) सायम असण्यात छ. (उडूडलोए असंखेज्जगुणा) Bqawi અસંખ્યાત ગણે છે.
(खेत्ताणुवाएणं) क्षेत्रना ४थन प्रमाणे (सव्वत्थोवा वणस्सकाइया उडढलोय तिरियलोए) सौथी माछा पनस्पतिय Balax-तियोमा छ. (अहोलोय तिरियलोए विसेसाहिया) अधाता-तियमा विशेषाधि छ. (तिरियलोए असंखेज्जगुणा) तिय सीमा मसण्यात छ. (तेलोक्के असंखेज्जगुणा) सायम असण्यात ॥ छ. (उड्ढलोए असंखेज्जगुणा) Saawi मसध्यात ! छ. (अहोलोए विसेसाहिया) मधासमा विशेषाधि छे.
(खेत्ताणुवाएणं) क्षेत्रनाथन प्रभाणे (सव्वत्थोवा वणस्सकाइया अपज्जत्तया उड्ढलोयतिरियलोए) सौथी माछा पन३५तिथि: २५५४४ saas तिय'.
શ્રી પ્રજ્ઞાપના સૂત્ર : ૨