Book Title: Agam 15 Upang 04 Pragnapana Sutra Part 02 Sthanakvasi
Author(s): Ghasilal Maharaj
Publisher: A B Shwetambar Sthanakwasi Jain Shastroddhar Samiti
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प्रज्ञापनासूत्रे असंख्येषगुणाः, अधोलोके असंख्येयगुणाः, क्षेत्रानुपातेन सर्वस्तोका वानव्यन्तरा देवा ऊर्ध्वलोके, उप्रलोकतिर्यग्लोके असंख्येयगुणाः, त्रैलोक्ये संख्येयगुणाः, अधोलोकतिर्यग्लोके असंख्येयगुणाः, अधोलोके संख्येयगुणाः, तिर्यग्लोके संख्येयगुणाः, क्षेत्रानुपातेन सर्वस्तोका वानव्यन्तयों देव्यः ऊर्ध्वलोके, ऊर्ध्वलोकतिर्यग्लोके असंख्येयगुणाः, त्रैलोक्ये संख्येयगुणा, अधोलोकतिर्यग्लोके असंगुणी हैं (तेलोक्के संखेज्जगुणाओ) त्रैलोक्य में संख्यातगुणी हैं (अहो. लोयतिरियलोए असंखेज्जगुणाओ अधोलोक-तिर्यग्लोक में असंख्यात गुणी हैं (तिरियलोए असंखेज्जगुणाओ) तिर्यग्लोक में असंख्यातगुणी हैं (अहोलोए असंखेज्जगुणाओ) अधोलोक में असंख्यातगुणी हैं। __ (खेत्ताणुवाएणं) क्षेत्र के अनुसार (सव्यत्थोवा वाणमंतरा देवा उडलोए) सबसे कम वानव्यन्तर देय ऊर्ध्वलोक में हैं (उडलोयतिरियलोए असंखेज्जगुणा) ऊर्ध्वलोक-तिर्य ग्लोक में असंख्यातगुणा हैं (तेलोक्के संखेज्जगुणा) त्रैलोक्य में संख्यातगुणा हैं (अहोलोयतिरियलोए) अधोलोक-तिर्य ग्लोक में (असंखेज्जगुणा) असंख्यातगुणा हैं (अहोलोए संखेज्जगुणा) अधोलोक में संख्यातगुणा हैं (तिरियलोए संखेज्जगुणा) तिर्य ग्लोक में संख्यातगुणा हैं।
(खेत्ताणुवाएण) क्षेत्र के अनुसार सव्यत्थोवाओ वाणमंतरीओ देवीओ) सबसे से कम पानव्यन्तर देवियां (उद्दलोए) ऊर्ध्वलोक में हैं (उडलोयतिरियलोए असंखेज्जगुणाओ) ऊर्यलोक-तिर्यग्लोक में असंख्यातगुणी हैं (तेलोक्के संखेज्जगुणाओ) त्रैलोक्य में संख्यातगुणी क्के संखेज्जगुणाओ) ४यमा सच्याती छ. (अहोलोयतिरियलोए असं. खेज्जगुणाओ) पोस।४-तिय सभा २सयातगणी छ ( तिरियलोए असंखज्जगुणाओ) तिसोमा असण्यातगणी छे (अहोलोए असंखेज्जगुणाओ) અધલેકમાં અસંખ્યાતગણી છે.
(खेत्ताणुवाएणं) क्षेत्र अनुसार (सव्वत्थोवा वाणमंतरा देवा उड्ढलोए) माथी सोछ। पान-यन्त२ हेप auratभा छे. (उड्ढलोय तिरियलोए असंखेजगुणा) recातिय सभा २५ च्यात । छे. (तेल्लोके संखेज्जगुणा) ४यमां सध्यातछ (अहोलोयतिरियलोए) मधाला तिमi (असंखेज्जगुणा) मस ज्यातमा छ (तिरियलोए संखेज्जगुणा) तियसभा सायातमा छे.
(खेत्ताणुवाएणं) क्षेत्रना अनुसार (सब्बत्थोवा वाणमंतरीओ देवीओ) माथी माछी पानव्यतिरीविया (उड्ढलोए) 64सोभा छे. (उड्ढलोयतिरियलोए असखेजगुणाओ) 4तियसभा मसभ्यात छ. (तेल्लोके सखेज्जगुणाओ) कोयमा
શ્રી પ્રજ્ઞાપના સૂત્ર : ૨