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अक्षय्य 10
अगंड शुक्ला तृतीया
लेना चित्र पर पारदर्शी पेपर रखकर चित्र उतारना अक्षय्य-सं० (वि०) 1 अखंडित रहने योग्य 2 नाश न होने अक्सर-अ० (क्रि० वि०) प्रायः
योग्य, अनश्वर। नवमी (स्त्री०) कार्तिक शुक्ला नवमी अक्सरियत-अ० (स्त्री०) 1 बह्मत 2 प्रायिकता अक्षर-I (वि०) 1 अविनाशी 2 अपरिवर्तनशील 3 नित्य II अक्सी-अ० (वि०) छाया संबंधी। तस्वीर (स्त्री०) (पु०) 1 ब्रह्म 2 आत्मा 3 आकाश। क्रम (पु०) अक्षर
छायाचित्र का क्रम; ~जीवी (पु०) लेखक; ~ज्ञान (पु०) साक्षरता;
अक्सीर-अ० (स्त्री०) रसायन, रामबाण ओषधि ल्यास (पु०) लिखावट; ~प्राख्यापन (पु०) अक्षरों अखंड-सं० (वि०) 1 सम्पूर्ण 2 व्यवधानरहित, निर्विघ्न से भविष्य बताना; ~माला (स्त्री०) वर्णमाला; ~योजक अखंडता-सं० (वि०) खंडित न होनेवाला (पु०) कम्पोजीटर; ~योजना (स्त्री०) 1 अक्षर जोड़ना, अखंडनीय-सं० (वि०) 1 अविभाज्य 2 मजबूत वर्तनी 2 कम्पोज़ करना; विन्यास (पु.) 1 लिपि 2 हिज्जे; अखंडित-सं० (वि०) 1 अटूट 2 निर्विघ्न ~घोंटना लिखने का अभ्यास करना; ~से भेंट न होना अखंड्य-सं० (वि०) जो खंडन योग्य न हो 1 निरक्षर बने रहना 2 मूर्ख
अखडेत-(पु०) ताकतवर अक्षरशः-सं० (क्रि० वि०) 1 एक-एक अक्षर करके, अखनी-अ० (स्त्री०) गोश्त का शोरबा हर्फ-ब-हर्फ 2 पूर्णतः
अखबार-अ० (पु०) समाचार-पत्र । नवीस +फा० (पु०) अक्षरा-सं० (स्त्री०) 1 शब्द 2 भाषा
अख़बार लिखने वाला; नवीसी +फ़ा० (स्त्री०) अक्षरांतरण-सं० (पु०) अक्षरों का परस्पर स्थानांतरण पत्रकारिता; ~वाला +हिं० (पु०) समाचार पत्र बेचनेवाला (जैसे-चाकू से काचू)
अखबारी-अ० + फ़ा० (वि०) समाचार पत्र संबंधी अक्षरानुवाद-(वि०) अक्षर का अनुवाद
अखरना-(अ० क्रि०) 1 खलना 2 बुरा लगना अक्षराभ्यास-सं० (वि०) अक्षर का अभ्यास
अखरावट-(स्त्री०) 1 वर्णमाला 2 सीहफ्री, क्रमशः एक-एक अक्षरारंभ-सं० (पु०) विद्या प्रारम्भ कराना
अक्षर से आरंभ होनेवाली कविता 3 जायसी कवि कृत एक अक्षरार्थ-सं० (पु०) अक्षर का अर्थ
लघु ग्रंथ अक्षरी-सं० (स्त्री०) 1 वर्तनी 2 वर्षाऋतु
अखरोट-(पु०) एक गरीदार फल अक्षरौटी-(स्त्री०) लिपि का तरीका
अखर्व-सं० (वि०) 1 लंबा 2 बड़ा अक्षर्य-सं० (वि०) अक्षर संबधी
अखलाक-अ० (पु०) अच्छा आचरण अक्षवार-सं० (पु०) अखाड़ा
अखाड़ा-(पु.) 1 मल्लयुद्ध-स्थल 2 व्यायामशाला 3 साधुओं अक्षांतर-सं० (पु०) भूमध्य रेखा से दूरी
के रहने का स्थान 4 अड्डा। अखाड़े का जवान कसरती अक्षांति-सं० (स्त्री०) 1 ईर्ष्या 2 असहनशीलता 3 अशांति बदनवाला; ~गरम होना अत्यधिक भीड़ होना; ~जमना अक्षांश-सं० (पु०) भू० उत्तर से दक्षिण। रेखा उत्तर से बहुत से दर्शकों का इकट्ठा होना दक्षिण जानेवाली काल्पनिक रेखा; ~समानांतर भूमध्य रेखा अखाड़िया-(पु०) सधा हुआ या दंगली पहलवान से उत्तर अथवा दक्षिण की ओर समानांतर जानेवाली अखाड़ेबाज़-हिं० +फा० (पु०) 1 = अखाड़िया 2 झगड़ालू काल्पनिक रेखा
अखाड़ेबाज़ी-हिं० + फ़ा० (स्त्री०) 1 झगड़ा-बखेड़ा 2 दंगल अक्षि-(स्त्री०) 1 आँख 2 दो की संख्या। ~कूट आँख की अखात-सं० . (पु०) 1 प्राकृतिक झील 2 खाड़ी पुतली; ~गोलक (पु०) आँख का डेला; तारक (पु०) अखाद्य-सं० (वि०) न खाने योग्य पुतली; ~पटल (पु०) नेत्र झिल्ली; -विक्षेप (पु०) अखिल-सं० (वि०) सम्पूर्ण, समस्त । अखिलात्मा (पु०) कटाक्ष; ~साक्षी (पु०) जिसने घटना को अपनी आँखों से सर्वत्र व्याप्त परमात्मा देखा हो
अखीर-(पु०) अंत अक्षित-सं० (वि०) जिसे चोट न लगी हो
अखीरी-अ० +हिं० (वि०) अंत का अक्षिति-सं० (स्त्री०) नश्वरता
अखट-(वि०) 1जो न घटे 2 अत्यधिक अक्षीण-सं० (वि.) जो क्षीण या दुर्बल न हो
अखोह-(पु०) असमतल भूमि अक्षीय-सं० (वि०) धुरी का
अखोटा-(पु०) कील (चक्की) अक्षीव-सं० (पु०) समुद्र का नमक
अख्खाह-(पु०) आश्चर्यसूचक भाव अक्षुण्ण-सं० (वि०) 1 अखंडित, समूचा 2 अविजित अख़्ज-अ० (पु०) स्वीकार करने का भाव। ~करना निष्कर्ष अक्षुब्ध-सं० (वि०) 1क्षोभरहित 2 दुःखहीन
निकालना अक्षेम-सं० (पु०) अकल्याण
अख़्तर-फा० (पु०) 1 तारा 2 ध्वज। चमकना भाग्योदय अक्षोभ-I सं० (पु०) 1 दुःख का अभाव 2 शांति II (वि०) होना 1सुख 2 शान्त
अख्तियार-अ० (पु०) अधिकार अक्षोभ्य-(वि.) शान्त
अख्तियारात-अ० (पु०) अख्तियार का बहुवचन अक्षौहिणी-सं० (स्त्री०) चतुरंगिणी सेना
अख्यात-सं० (वि०) 1 सम्मान रहित 2 अज्ञात अक्स-अ० (पु.) 1 परछाईं 2 चित्र। ~उतारना; अख्याति-सं० (वि०) अपमान
खींचना 1 वास्तविक नकल करना 2 फोटो खींचना; | अगंड-सं० (पु०) बिना हाथ पैर का धड़