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तो अपने स्वभाव की सुनना, और अपने आंतरिक स्वभाव का अनुसरण करना।
मैं एक कथा पढ़ रहा था, और मुझे वह कथा बहुत ही अच्छी लगी।
कोलंबिया विश्वविद्यालय पर वसंत का मौसम छाया हुआ था और लीन पर, जो कि थोड़े समय पहले ही ठीक किया गया था, 'कीप ऑफ' की सचना लगा दी गई थी। विदयार्थियों ने उन चेताव कोई ध्यान नहीं दिया। इसके बाद भी उनसे बार-बार निवेदन किया गया, लेकिन उन्होंने किसी की एक न सुनी और वे घास को रौंदते हुए चलते ही रहे। जब यह बात सीमा के बाहर हो गई, तो आखिरकार उस बिल्डिंग और उस क्षेत्र के अफसर इस समस्या को, जनरल आइजनहॉवर के पास ले गए, जो कि उस समय विश्वविद्यालय के अध्यक्ष थे।
आइजनहॉवर ने पूछा, 'क्या आप लो?गं ने कभी ध्यान दिया कि जहां आपको जाना है उस ओर एकदम सीधे -सीधे जाने से कितनी जल्दी पहुंचा जा सकता है? तो आप लोग यह क्यों नहीं पता लगा लेते हैं कि विदयार्थी कौन से रास्ते से जाना पसंद करेंगे, और वहीं फुटपाथ क्यों नहीं बनवा देते हैं?' जिंदगी ऐसी ही होनी चाहिए। सड़कें हों या रास्ते हों या सिद्धांत हों, उन्हें पहले से तय नहीं कर लेना चाहिए।
स्वयं को अस्तित्व के हाथों में छोड़ दो। स्वाभाविक रहो और उसे ही अपना मार्ग होने दो। चलो और चलने के द्वारा ही अपना मार्ग बनाओ। राजपथों का अनुसरण मत करो। वे मुर्दा होते हैं, और उनके द्वारा तुम्हें कुछ मिलने वाला नहीं है। हर चीज पहले से ही वहां से हटी हई है। अगर तुम किन्हीं बने -बनाए राजपथ का अनुसरण करते हो, तो तुम अपने स्वभाव से दूर जा रहे हो। क्योंकि स्वभाव किन्हीं बने बनाए मार्गों को, या किन्हीं जड़-मर्दा ढांचों को नहीं जानता है। वह तो अपने ही स्वभाव के अनुरूप प्रवाहित होता है, लेकिन तब सभी कुछ स्वत:, सहज-स्फूर्त होता है। समुद्र के तट पर जाकर बैठना और' समुद्र को देखना। समुद्र में लहरों पर लहरें उठ रही हैं, लेकिन प्रत्येक लहर
अपने आप में अनूठी और अलग होती है। तुम एक जैसी दो लहरें नहीं खोज सकते हो। एक लहर किसी दूसरी लहर का अनुसरण नहीं करती है।
कोई भी आत्मवान व्यक्ति किसी सुनिश्चित ढांचे के पीछे नहीं चलता है।
मेरे पास लोग आकर कहते हैं कि 'हमें मार्ग बताएं।' मैं उनसे कहता हूं, 'यह मत पूछो। मैं तो केवल इतना ही बता सकता हूं कि आगे कैसे बढ़ना है; मैं तुम्हें कोई मार्ग नहीं बता सकता।'
जरा इस भेद को समझने की कोशिश करना!
मैं तुम्हें केवल इतना ही बता सकता हूं कि चलना कैसे है, बढ़ना कैसे है –और साहसपूर्वक आगे कैसे बढ़ना है। मैं तुम्हें कोई बना-बनाया मार्ग नहीं बता सकता, क्योंकि बना-बनाया मार्ग तो कायरों के