Book Title: Patanjali Yoga Sutra Part 04
Author(s): Osho
Publisher: Unknown

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Page 434
________________ इसलिए जितनी ज्यादा तेज कार की रफ्तार होगी, उतना ही मन एक ओर हटता चला जाता है, और उस समय एक गहन रोमांच का अनुभव होता है जैसे कि अब तक तो मृत थे और अचानक तुम जीवित हो गए, और जैसे कि पुनः जीवन का संचार प्रारंभ हो गया हो। खतरे में, खतरों से खेलने में, एक गहन सम्मोहन होता है। लेकिन यह जो सम्मोहन है वह अ-मन का है, जो माइंड हो जाने का सम्मोहन है अगर इस अमन की अवस्था को किसी तुम के वृक्ष पास या किसी नदी के पास या कि अपने कमरे में बैठे-बैठे पा सको तो फिर किसी भी प्रकार के खतरे को उठाने की कोई आवश्यकता नहीं है। फिर यह अ मन की दशा कहीं भी हो सकती है। बस, अपने मन को उठाकर एक तरफ रख दो। जहां कहीं भी तुम मन को हटाकर एक ओर रख सको, और बिना मन को बीच में लाए चीजों को सीधा देख सको, वहीं अमन, नो माइंड की अवस्था उपलब्ध हो जाती है। - मैंने सुना जावा में एक एन्थ्रापालेजिस्ट (मानव विज्ञान विद ) एक ऐसी छोटी सी जनजाति के संपर्क में आया जिनमें अंतिम संस्कार की एक विचित्र प्रणाली प्रचलित थी जब कोई आदमी मर जाता, तो वे उसे साठ दिन तक दबाकर रखते और फिर उसे खोदकर बाहर निकालते उसे एक अंधेरे कमरे में एक ठंडी पाटी पर रख दिया जाता और जनजाति की सबसे सुंदर स्त्रियों में से बीस स्त्रियां लाश के आसपास नग्न होकर तीन घंटे तक उत्तेजक नृत्य करती थीं। 'आप लोग ऐसा क्यों करते हैं? जनजाति के मुखिया से एन्धापालेजिस्ट ने पूछा । तो उसने जवाब दिया, 'अगर वह नहीं उठता है, तो हमें पक्का हो जाता है कि वह मर गया!' शायद निषेध का आकर्षण इसी कारण से है। अगर कामवासना का निषेध होता है, तो वह आकर्षण बन जाती है। क्योंकि जो कुछ भी स्वीकृत होता है वह सब मन का हिस्सा बन जाता है। इसे समझने की कोशिश करना। जो कुछ भी स्वीकृत होता है वह मन का हिस्सा बन जाता है, वह पहले से ही नियोजित हो जाता है। साधारण व्यक्ति से यही अपेक्षा होती है कि वह अपनी पत्नी या अपने पति से प्रेम करे, यह बात हमारे मन का हिस्सा ही है। लेकिन जैसे ही व्यक्ति दूसरे की पत्नी के प्रति रुचि लेने लगता है, तो वह हमारे मन का हिस्सा नहीं है, वह हमारे संस्कारों में नहीं है, उसके लिए हमारे मन की तैयारी नहीं होती। समाज में एक निश्चित प्रकार की बंधी बंधायी स्वतंत्रता है। समाज उस बंधी बंधायी लकीर उतनी ही स्वतंत्रता देता है जिसमें हर चीज से बाहर सरकने की स्वतंत्रता नहीं देता है। समाज केवल सुविधाजनक होती है, जहां हर चीज आरामदायक होती है सभी कुछ मुर्दा और मृत भी हो जाता है तुम किसी दूसरे लेकिन उस आराम और सुविधा के साथ की पत्नी के प्रति आकर्षित हो जाते हो

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