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ही प्रसिद्ध, एक नर्तक, एक अभिनेत्री, और सबसे सुंदरतम स्त्रियों में से एक ने, बर्नार्ड शॉ से पूछा, "क्या आप मुझसे शादी करना चाहेंगे?"
बर्नार्ड ने कहा, "किस लिए?"
स्त्री ने कहा, "मुझे हमेशा लगता है कि मेरी सुंदरता - मेरा शरीर, मेरा चेहरा, मेरी आँखें - और आपकी बुद्धि, दोनों एक सुंदर बच्चे को जन्म देंगे। यह दुनिया के लिए एक सुंदर उपहार होगा।"
बर्नार्ड शा हंसे और बोले, 'थोड़ा रुको। इसके विपरीत भी हो सकता है. बच्चे को तुम्हारी बुदधि मिल सकती है, जिसका अर्थ है खाली, कुछ भी नही और उसे मेरे जैसा शरीर मिल सकता है, जो कि असुंदर और कुरूप है। बच्चा एकदम विपरीत भी हो सकता है।'
पुरुष मन हमेशा चीजों को तोड़-मरोड़कर देखता है।
जुंग ने अपने संस्मरणों में लिखा है कि एक बार वह फ्रायड के साथ बैठा हुआ था और एक दिन अचानक उसके पेट में बहुत जोर का दर्द उठा। और उसे लगा कि कुछ न कुछ होकर रहेगा और तभी अचानक निकट की अलमारी में से विस्फोट की आवाज आई। दोनों चौकन्ने हो गए। क्या हुआ? जंग ने कहा, इसका जरूर कुछ न कुछ संबंध मेरी ऊर्जा से है। फ्रायड हंसा और जुंग की हंसी उड़ाता हुआ बोला, 'कैसी नासमझी की बात है, इसका तुम्हारी ऊर्जा से कह संबंध हो सकता है?' जुग बोला, थोड़ी प्रतीक्षा करो, अभी एक मिनट में ही फिर पहले जैसे विस्फोट की आवाज आएगी। क्योंकि उसे फिर से लगा कि उसके पेट में तनाव हो रहा है। और एक मिनट के बाद-ठीक एक मिनट के बाद - एक और विस्फोट हुआ।
अब यह है स्त्री-मन। और जुंग ने अपने संस्मरणों में लिखा है, 'उस दिन के बाद फिर कभी फ्रायड ने मुझ पर भरोसा नहीं किया।' यह बात खतरनाक है, क्योंकि इस बात का तर्क से कोई संबंध नहीं है। और जुंग ने एक नए सिद्धांत के विषय में सोचना शुरू कर दिया, जिसे वह सिन्क्रानिसिटि, समक्रमिकता का सिदधांत कहता है।
जो सिद्धांत सभी वैज्ञानिक प्रयासों का मूल आधार है वह है काजेलिटी–कारण –सभी कुछ कार्य और कारण से जुड़ा हुआ है। जो कुछ भी घटता है, उसका कोई न कोई कारण होता है। और अगर कारण हो, तो परिणाम उसके पीछे -पीछे चला आएगा। जैसे अगर हम पानी को गरम करते हैं तो वह वाष्पीभूत हो जाता है। पानी गरम करना एक कारण है अगर पानी को सौ डिग्री तक गरम किया
ए तो वह वाष्पीभत हो जाएगा। पानी का वाष्पीभत हो जाना परिणाम है। यह एक वैज्ञानिक आधार है। जंग कहता है एक और सिद्धांत है, वह है –सिन्क्रानिसिटी, समक्रमिकता का सिद्धांत। इसकी व्याख्या करना कठिन है, क्योंकि सभी व्याख्याएं वैज्ञानिक मन से आती हैं। लेकिन जंग जो कह रहा है, उसको अनुभव करने का प्रयास किया जा सकता है।