________________ रहते हैं, तो व्यक्ति खंड-खंड हो जाता है, विभक्त हो जाता है, टूट जाता है। इसे थोड़ा समझने की कोशिश करें। हम विभक्त रहते हैं, क्योंकि हमारा मन थिर नहीं रहता है, बंटा हुआ रहता है। उदाहरण के लिए, तुम आज किसी एक स्त्री से प्रेम करते हो, कल किसी दूसरी स्त्री से, फिर तीसरे दिन किसी और स्त्री से। तो यह जो मन की स्थिति है, यह तुम्हारे भीतर विभाजन निर्मित कर देगी। फिर तुम एक नहीं रह सकोगे, तुम बहुत से रूपों में विभक्त हो जाओगे। तुम एक भीड़ बन जाओगे। इसीलिए पूरब में हमारा जोर इस बात पर है कि प्रेम ज्यादा से ज्यादा लंबे समय के लिए हो। पूरब ने ऐसे प्रयोग किए हैं कि कोई जोड़ा कई-कई जन्मों तक साथ-साथ ही रहता है -वही स्त्री, वही पुरुष. यह बात स्त्री और पुरुष दोनों को एक परिपूर्णता देती है। बार-बार स्त्री या पुरुष को बदलना अस्तित्व को नष्ट करता है, खंडित करता है। इसलिए अगर आज पश्चिम में स्कीजोफ्रेनिया एक स्वाभाविक बात बनती जा रही हो, तो इसमें कोई आश्चर्य की बात नहीं। इसमें कुछ भी आश्चर्यजनक नहीं है, यह स्वाभाविक है। पश्चिम में आज सभी कुछ बहुत तेजी से, बहुत तीव्रता से बदल रहा है। मैंने सुना है कि हालीवुड की एक अभिनेत्री ने अपने ग्यारहवें पति से विवाह किया। वह घर आयी, और उसने अपने बच्चों से नए पिता का परिचय करवाया। बच्चे तुरंत एक रजिस्टर उठाकर ले आए, और पिता से बोले, कृपया इस रजिस्टर में हस्ताक्षर कर दें। क्योंकि आज तो आप यहां हैं, क्या पता कल आप चले जाएं? और हम अपने सभी पिताओं के हस्ताक्षर और आटोग्राफ ले रहे हैं। पश्चिम में आदमी सभी क छ तेजी से बदल रहा है, मकान बदल रहा है, हर चीज बदल रहा है। अमरीका में किसी आदमी की नौकरी की अवधि अधिक से अधिक तीन वर्ष की होती है। वे कार्य भी निरंतर बदलते रहते हैं। मकान की तो बात अलग -किसी एक ही शहर में रहने की आम आदमी की औसत सीमा भी तीन वर्ष है। विवाह की औसत सीमा भी अमरीका में तीन वर्ष है। कुछ भी हो, इन तीन वर्ष का जरूर कुछ राज मालूम होता है। ऐसा मालूम होता है कि अगर कोई आदमी चौथे वर्ष भी उसी स्त्री के साथ रहे, तो उसे भय लगता है कि जीवन में कहीं कोई ठहराव न आ जाए। अगर कोई आदमी एक ही कार्य तीन वर्ष से अधिक समय तक करता रहे, तो उसे भय लगने लगता है कि कहीं वह एक ही जगह तो नहीं रुककर रह गया है। इसीलिए अमरीका में लोग हर तीन वर्ष में सब कुछ बदल देते हैं, वे खानाबदोश का जीवन जीते है। लेकिन इससे आदमी भीतर से बंटा हुआ हो जाता है। पूरब में आदमी जो भी कार्य करता है, वह उसके जीवन का ही भाग बन जाता है। जो व्यक्ति ब्राह्मण घर में पैदा हुआ है, वह जीवन भर ब्राह्मण ही बना रहेगा। और जीवन में थिरता के लिए, जीवन को ठहराव देने के लिए यह बात एक बड़ा प्रयोग बन जाती थी। एक आदमी अगर मोची के