Book Title: Karmagrantha Part 1 Author(s): Devendrasuri, Shreechand Surana, Devkumar Jain Shastri Publisher: Marudharkesari Sahitya Prakashan Samiti JodhpurPage 15
________________ गाय ३५ गाया ३० नामकर्म की वह पिंडप्रकृतियों के उत्तरभेदों की संख्या गाथा ३१, ३२ नामकर्म की प्रकृतियों की संख्याभिन्नता का कारण आठ कर्मों की बन्ध, उदय उदीरणा, सत्तायोग्य प्रकृतियों की संख्या और उनमें भिन्नता के कारण गति नामकर्म के भेद और उनके लक्षण जाति नामकर्म के भेद और उनके लक्षण शरीर नामकर्म के भेद और उनके लक्षण संसारी जीवों में कितने शरीर ? गाया ३४ मंगोपांग नामकर्म के भेद गाया ३५ ( १५ ) बंधन नामकर्म का लक्षण बंधन नामकर्म के भेद और उनके लक्षण गाया ३६ संवातन नामकर्म का लक्षण संघातन नामकर्म के भेद और उनके लक्षण गाया ३७ बंधन नामकर्म के पन्द्रह भेद बनने का कारण बंधन नामकर्म के पन्द्रह भेदों के नाम और उनके लक्षण गाया ३५, ३६ पृष्ठ १००-१०१ १०१ १०१-१०२ १०२ संहनन नामकर्म का लक्षण संहनन नामकर्म के भेद और उनके लक्षण १०३ १०४ १०६ १०५ १०५ १०६ १०८ १०- ११० १०१ ११०-११२ १११ १११ ११२-११४ ११३ ११३ ११४-११६ ११४ ११५ ११७-११८ s ११७Page Navigation
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