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नहीं हो पाते हैं तो तनाव उत्पन्न होता है। कुछ पाश्चात्य मनोवैज्ञानिकों ने तो कहा है कि ऐसी कोई भी घटना जो व्यक्ति में भय या चिन्ता उत्पन्न करे वह तनाव है। डॉ. सुरेन्द्र वर्मा ने भी भय को तनाव का समानार्थी कहा है।"
यहाँ पर उन मनोवैज्ञानिकों की बात अधिक उचित लगती है, जो तनाव को एक मनोदैहिक अवस्था मानते हैं। भय से तनाव उत्पन्न होता है, अर्थात भय तनाव का कारण है। वर्तमान में प्रत्येक व्यक्ति का जीवन कई घटनाओं (परिस्थितियों) से भरा हुआ है, जैसे -परीक्षा में फेल हो जाना, किसी अपने की मृत्यु हो जाना, प्रिय वस्तु का खो जाना, किसी से धोखा मिलना, पारिवारिक समस्याएँ, सामाजिक समस्याएँ आदि। हमें प्रतिदिन किसी-न-किसी तनाव का सामना तो करना ही पड़ता है जिसका असर व्यक्ति के स्वास्थ पर पड़ता है। इस प्रकार वे परिस्थितियाँ जिनसे हमें समझौता करना पड़ता है, तनावपूर्ण स्थिति को जन्म देती हैं। चाहों (इच्छाओं) की पूर्ति न होने पर उनके साथ समन्वय स्थापित करने से मस्तिष्क में एक दबाव का अनुभव होता है यह दबाव भी तनाव है।
___ वस्तुतः देखा जाए तो तनाव की एक सामान्य परिभाषा यह हो सकती है कि ऐसी कोई भी स्थिति या घटना जिससे व्यक्ति को दुःख, भय, चिंता या परेशानी हो, वह तनाव है। शारीरिक, मानसिक या भावनात्मक मांगों के साथ अगर अनिच्छापूर्वक कोई समझौता करना पड़ता है, तो उससे भी कहीं न कहीं मन में दुःख होता है। मनोवैज्ञानिक अरूणकुमार एवं आशीषकुमार सिंह की पुस्तक 'व्यक्तित्व का मनोविज्ञान' एवं एक पाश्चात्य मनोवैज्ञानिक जिनका एक आलेख www.helpguide.org पर उपलब्ध है, दोनों ने तनाव को विषाद शब्द से परिभाषित किया है। दोनों ने दैनिक जीवन में होने वाली घटनाओं से उत्पन्न
30 Stress can come from any situation or throught that make you feel frustrated, angry, nervous
or even anxious. - By kirstiADyer MD. MS. FT to About.com । समता सौरभ – जुलाई – सितम्बर 1996 पृ. 43
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