Book Title: Rajasthan ke Jain Shastra Bhandaronki Granth Soochi Part 3
Author(s): Kasturchand Kasliwal, Anupchand
Publisher: Prabandh Karini Committee Jaipur
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[ स्तोत्र
[१०७ भाषा गुजराती है । ६५ पध है प्रारम्भ में ३४ पय में कुमति निघटिन श्रीमंधर जिनस्तवन है ।
६४७. शान्तिस्तवनस्तोत्र.... | पत्र संख्या-३ । साइज-८३४४३ इम्च । माषा-हिन्दी | विषय-- स्तोत्र । रचना काल- लेखन काल-XI पूर्ण । वेष्टन नं. ५३ ।
६८. सरस्वतीस्तोत्र-विरंचि । पत्र संख्या-- | साइज-१०४५६ र 1 भाषा-संस्कृत । विषयरतोय । रचना काल-x। लेखन काल-~| पूर्ण । वेष्टन नं० ५२६ ।
विशेष-सारस्वत स्तोत्र नाम दिया हुआ है । ब्रांड पुराण के उत्तर खंड का पाठ है।
६७६. स्तोत्र पाठ संग्रह ..........1 पत्र संख्या-४. । साइज-११४५३म्स । माश-संस्कृत । विषय-स्तोत्र । रचना काल-४ । लेखन काल-x । पूर्ण । बेटन नं. ३..।
विशेष-निम्न स्तोत्रों का संग्रह है
(१) निर्वाण काण्ड (२) तत्त्वार्थ सूत्र
उमास्वाति (३) मक्तामर स्तोत्र मानतुगाचार्य (४) लक्ष्मीस्तोत्र
पक्षप्रमदेव (५) जिनसहस्रनाम जिनसेनाचार्य (६) मृत्यु महोत्सव (७) द्रव्य संग्रह गाथा नेमिचन्हाचा
(८) विषापहार स्तोत्र धनंजय
६८०. स्तोत्र संग्रह..........। पत्र संख्या-२१ से ६५ | साज-११३४५ च । माषा-संस्कृत हिन्दी । विषय-स्तोत्र । लेखन काल-सं० १५२६ पपूर्ण ! वेष्टन न० १२४ ।
६ स्तोपों का संग्रह हैं।
६८१. स्तोत्र........ | पत्र संख्या-- | साज-१२४५३ च । भाषा-संस्कृत । विषय-स्तोत्र । रचना काल-x | लेखन काल--X । पूर्ण । वेदन नं० १०७३ ।
विशेष-अक्षर मोटे हैं तमा प्रति प्राचीन है।
६८२. स्वयंभूस्तोत्र -समंतभद्र । पत्र संख्या ४ | साइन-११३४४१ माषा-संस्कृत । विषयस्तोत्र । रचना काल-X । लेखन काल-X | पूर्व । वेष्टन नं० २६७ ।
विशेष-विसर्जन पाठ भी है। दो प्रतियां और है।