Book Title: Rajasthan ke Jain Shastra Bhandaronki Granth Soochi Part 3
Author(s): Kasturchand Kasliwal, Anupchand
Publisher: Prabandh Karini Committee Jaipur

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Page 393
________________ ( ३६४ ) ग्रंथकार का नाम प्रथ नाम मथ सूची की | मंथकार का नाम पत्र सं० आनंद कषि- कोकेसार १४. आनन्द बद्धन- ननद मौजाई का झमला १५५ भारतराम--- दर्शनपच्चीसी कामन्दआलू द्वादशानुप्रेक्षा १६३, १५, ३११ व कामराजउत्तमचन्द्र- निलोफसार मात्र कालकसूरिऋषभनाथपद कृष्ण गुलाबऋषभदास- मूलाचार भाषा का ३२, १८८ किशनसिंहमुनि कनकामर- ग्यारह प्रतिमा बईन कनकीर्ति- कर्म घटावलि जिनराम स्तुति तत्त्वार्यसूत्र wity १६:२६ १५ ० मथ नाम अथ सूची की पत्र सं सोसट बंश्च २६७ हंसमुक्तावलि कामन्दकीय नीतिसार २३५ सठ-शलाकापुरुषों का वर्णन १४३ पद २१ पद प्रादिनाम का १६ एकावलीप्रतकथा कियाकोश गुरुभक्तिगीत पतुविशक्ति स्तुति चेतन गीत पेशन लौरी नौवीस दंडक जिनमकिगीत मोकार राम मागश्रीकथा । ७३,८३ (रात्रि भोजन त्याग कथा) निर्वाण कारभाषा २२७ ३१६२५ १४० . मेषकुमारगीत विनती श्रीपात स्तुति कनकसोम जइतबद लि कमजलाम पार्श्वनाथ स्तोत्र करमचंद पंचमकान का गन्य मद महाकवि कल्याण- अनंगरंग काव्य कल्याणकीर्ति- आदीश्वरजी का अधावा तोकर विनती ऋवीरदास- कबीर की चौपई कवीर धर्मदास की . काया पानी कालचरित्र मानतिलक में १५२ KAN & ६७ ,२१६,२५६ १५. संग्रह पुण्याश्रवक्थाकोश भद्रबाहुचरित्र भाषा लम्धिविधान कथा विनती संग्रह श्रावकमुनिवर्णन गीत वृद १५ MAP २६ किशोरखास२६.. | कुमुदचंद रेखा . सामी. विनती ३..

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