Book Title: Rajasthan ke Jain Shastra Bhandaronki Granth Soochi Part 3
Author(s): Kasturchand Kasliwal, Anupchand
Publisher: Prabandh Karini Committee Jaipur

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Page 404
________________ २१२ मंथकार का नाम प्रध नाम प्रध सूची की , ग्रंथकार का नाम मथ नाम प्रथ सूची की पत्र सं० पन सं० दशलक्ष धर्म बाणिक प्रिया १२१ समयराज- पार्श्वनाथ लघु स्तोत्र सुमतिकीर्ति- जिनवरस्वामी श्रीमती समयसुन्दर- श्राम उपदेश गीत २६२ जिनविनती १६४ दमावतीसी त्रिलोकसारबंध चौपई १२, ११८, चतुर्विशति स्तुति १४२ २४ दानशील पनाह १४१ सुन्दर पद १६७, २१॥ नलदमयंती चौपई सहेली गीत नाकोड्या पार्श्वनाथ स्तवन १४२ | सुरेन्द्रकीति- श्रादित्वार का पंचमी स्तवन सानपचीसी नतोपापन २०५ सहजकीति- चउवीस जिनगणधर बर्गान पंचमास चतुर्दशी प्रतोधापन २०४ पाव जिनस्थान वर्णन १४७ सूरत--- टालमय पार्श्व भजन २४७ बारहखडी १४१, २५७, ३११ प्राति छत्तीसी | सेवाराम- धनुर्विंशतिजिन पूजा , REE बीमतीकर स्तुति सोमदत्त सूरि-- यशोधाचरिव रास सहसकर्ण- तमाखू गीत हजारीमल्ल- गिरनार सिद्धक्षेत्र पूना संतलाल- सिद्धचक पूजा हरिकृष्ण पाण्डे- चतुर्दशी कथा स्वरूपचन्द विलाला हरिसम बंद रलावली चौसठऋद्धि पूजा _____५२, २.० इरीसिंह- जखडी जिनसहस्रनाम पूजा ५३ १६ १२७, १३५, १४६, १९२ निर्वाणक्षेत्र पूजा ५६, २०२ हर्षकीति- कर्महिंडोलना १६५, २७२ मदन पराजय भाषा चतुर्गति नेति ११७, १२८, १६१ साधुकीचि ( बेलि के विष कथन) पदसंग्रह ( सतरप्रकार मा प्रकरण) २७३ पंचमगति बेलि ११७, १३०, १६५ रागमाला २७३ सालिग नेमिनाथ शङ्कल गीत सारस्वत शर्मा भडली विचार नेमीश्वर गीत सिद्धराज- अष्टविधि पूजा बीसतीर्थकर जसरी कवि सुखदेव- धु चरित्र ११२ १६२ २४५ . ११२ में.

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