Book Title: Rajasthan ke Jain Shastra Bhandaronki Granth Soochi Part 3
Author(s): Kasturchand Kasliwal, Anupchand
Publisher: Prabandh Karini Committee Jaipur

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Page 411
________________ पत्र एवं पंक्ति १६४४१८ १६६४१७ अशुद्ध पाठ भूधर धर्मभूषण तेलाव्रत शुद्ध पाठ पं० भूधर अभिनव धर्मभूषण लब्धिविधान तेला व्रत आ० गुणिनंदि २०४४१५ ३१८४१० हिनदि २०४४२४ २१८४१६ २१६x२४ २२१४१२ २२१४१३ २२४४१६ पीले पील्या पंडि पंडित रचनाकाल रचनाकाल सं. १६१८ कवि बालक कवि रामचन्द्र 'बालक' सं० १७०३ १७१३ अष्टान्हिका कथ अष्टान्हिका कथा-मतिमंदिर कनककीर्ति कनक बंकचोरकथा (धनदत्त मंठकी कथा ) बकचोरकथा, धनदत्त सेठ की कथा देव ए से मदारखा सैमदारखा ३३६x२ देवरा ८४२६ २३५४२ ३५८x१८ '. ३६४४५) २३५४५ कामन्द १७२६ २३८४१८ २४५४८ २४०४१४ २४३४१७ २४३४२७ *XXX 3 २४x६ २१६x . जयानंदिसूरि लिपंडित ( युगादि देव स्तवन), मिघुण्यो ए भाइ ज्योतिष ( शकुनशास्त्र) वराहमिहरज महिसिंह १७८० म० ककुमुदचन्द्र/टीकाकार उतमऋषि जयनंदिसूरि शालि पंडित (युगादिदेव स्तवन । विजयतिलक मिघुण्यो पभराइ वास्तुविज्ञान वराहमिहर महेस २५२४१८

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