Book Title: Rajasthan ke Jain Shastra Bhandaronki Granth Soochi Part 3
Author(s): Kasturchand Kasliwal, Anupchand
Publisher: Prabandh Karini Committee Jaipur

View full book text
Previous | Next

Page 412
________________ अशुद्ध पाठ महसंहि गोत्रवर्णन रचनाकाल लेबनकाल सं १८८ छह सतीयासिंह अन्दनीवासी हेमविमलसूरि समासो व्रतविधानयासों पत्र एवं पंक्ति २५२४१४ २५२४१६ २५३४६ २५३४ ६ २५xy २५४४२५ २५५४१४ २५७४१६ २५८xt २५६४ ५ २६०४ - २६७x २६६४१२ २०४६ २७१४१३ २७३४६ २७३४११ २७३४१५ २७३४१८ २७३४१८ ७६x २७१x१३ २८०४९० २८४४१८ ३२८४१६ शुद्ध पाठ महेसाहि बंडेलवालों के गोत्र वर्णन रचनाकाल सं०१८ लेखनकाल । छहस तीयासिंह अब्द नीवासी हेमबिमल सूरि के प्रशिक्षण संघकुल तमस्सो अतविधानरासो श्रावक २७० रचना काल सं० १७४३ ५१८ रामचन्द्र 'बालक' श्रावण ५१६ बालक २४ . गौत गोट वीर सं० हिन्दी विक्रम सं. संस्कृत १६५८ जिनदत्त सूरि गीत जिनदत्तमूरि भूषाभूषण पत्रावली पाठ भाषाभूषण च्यत्रावली श्री धूचरित श्री धूचरित-जनगोपाल २६:४१ भाथ तसंघरन वनि थाइ अदुकउ म तरुवइ १६६६ भाष तसं. घर ननिधथाइ अधक बनत हुवई

Loading...

Page Navigation
1 ... 410 411 412 413