Book Title: Rajasthan ke Jain Shastra Bhandaronki Granth Soochi Part 3
Author(s): Kasturchand Kasliwal, Anupchand
Publisher: Prabandh Karini Committee Jaipur
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प्रथकार का नाम
रंगवल्लभ-~ श्री रत्नहर्ष
ऋ० रायमल्ल -
राज
राजसमुद्र ---
राजसेन
रामकीर्ति
रामकृष्ण
रामचन्द्र
रामदास-
रामभद्र
राजमल्ल
ग्रंथ नाम
( ३७३ )
ग्रंथ सूची की | ग्रंथकार का नाम
पत्र सं०
प्रसंगसार
पार्श्वनाथ स्तवन
हितोपदेश एकोत्तरी
१६०
चन्द्रगुप्त के सोलह स्वप्न १६३, ३०४८
२६२
१४०
उपदेश बत्तीसी
प्रतिमारतवन
पार्श्वनाथ स्तोत्र
मानतुंगी की जरूढी
उपदेशजखडी
आदिनाथपूजा
कर्मचरित्र बाईसी
जिनलाडूगीत नेभिकुमारासो १३२, २७२, १८८
प्रद्य ुम्नरासो
१३२, ३०७
भविष्यदत्त चौपाई
१११, २१६
श्रगलराम
११२, १३१, २.३२,
२६८, २०४, २०७
सुदर्शनरा
१११, १३२
हनुमंतकथा ( चौवई ) ८७, १३२,
१६१, २२१
१५१
१४१
२४५
२७२
१३७
५०
२४
चतुर्विंशति जिनपूजा ५२, १११, ११६/ चौबीस महाराज की बीमतो १०२, ११२ विमखनाथ पूजा
२०१
समुच्चय चौबीसी पूजा
सम्मेद शिखर पूजा
ऊषा कमा
पव
कल्मष कुठार
समयसार भाषा
रामविजय
महाराजा रामसिंह
रायमल्ल
११७ रूपचंद -
११६
६१
२६७
१२६, १३२
२५०
४५, १६५
लखमीदास
लच्छीरामलक्ष्मणदासलक्ष्मीचन्द्र
गरि लालचंद --
लब्धिविजय --
लालचंद -
प्रभु नाम
संखेश्वरनाथस्तुति तिरंग
ज्ञानानन्द श्रावकाचार
२८
साधी माई रायमल्ल की चिट्टी १७४
अध्यात्म दोहा
११३
अध्यात्म सर्वेया
३०५
जखडी
१६, १६६
१५२.
११४, ११६ १११, ११३, १२३, १२५,
१२३, १६५
परमार्थ गीत
११६, १६४ परमार्थदोहा शतक ११९ पंचकल्याणक पाठ (पंच मंगल ) १०५, १११, ११६, १२०, १२३,
१४१, १४६, १४३, १५४, १५७, १६१, २४०, २६, ३०, ३११ लघु मंगल
३११
यशोधर चरित्र
२१८
२७०
करुनाभरन नाटक एक पहर जान पाठ
'
उपासकाचम दोहा
२४, ११०
११८
द्वादशानुप्रेक्षा सीता की घमाल सीमंधर स्तवन
१६७
२१०
२६०
३०३
जिनस्तुति
दोहा शतक
पद
नेभिगीत
नेमजी का ब्याहलो
( नव मंगल )
लालचंद विनोदीलाल
ग्रंथ सूची की
पत्र सं
चतुर्विशति स्तुति
१५०
२७१
१५५, २३६
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