Book Title: Rajasthan ke Jain Shastra Bhandaronki Granth Soochi Part 3
Author(s): Kasturchand Kasliwal, Anupchand
Publisher: Prabandh Karini Committee Jaipur

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Page 392
________________ . .. ܐܘܪ ܂ ܟ݂ an.. .to १३. ( ३६३ ) ग्रंथकार का नाम प्रथ नाम पंथ सूची को | मंथकार का नाम मथ नाम मंथ सूची की पत्र सं. पत्र सं. योगीन्द्रदेव- दोहा शतक फक्का बत्तीसी परमात्मपकाश ४१, ११४, ११८ चरखा चरपई १४५ १३,२७५, १६२ चार मित्रों की कथा १५३ योगसार ४३, ११४, १६६, ११८ बौलीस तीर्थकर पूजा १३०, ५५३ १३२, १६४६४, ३०५ | चौबीसतीर्थकर स्तुति श्रावकाचार दोहा जिनगीत (साबस्यम्नदाहा जिनकी की रसोई रइधुग्रामसभोवन काव्य यमो कर सिद्धि दशलक्ष जयमाल नंदीश्वर पूजा बलमद पुराण नेमिनाथ चरित्र २९ षोडशकार व जयमाल पद १३०, १३२, १३३, १६३ संबोध पंचासिका पंचमेह पूजा पं० लावजिवायत्तरिम पाश्र्वनामजी का सालेहा धीरजम्पूस्वामीचरित्र बाल्यवर्णन स्वयंभू- (रिवंश पुराग बीसतीगकरों को जगमाल कवि सिंहप्रद्युम्नचरित्र यशोधर चौपई हरिषेण- धर्मपरीक्षा वंदना शांतिनाथ जयमाल हिन्दी भाषा शिवस्मणी का विवाह अस्वयराज (श्रीमाल) कल्याणमंदिक्षस्तोत्र भाषा १०२ | विनती भक्तामरस्तोत्र भाषा अह्म 'अजित- हंसा भावना अवयराम लुहाडिया अनंतकीर्ति- जखडी शीलतरंगिनी कपा मांगीतुंगी स्तवन साह अचल- सारमनोरथमाला अमरपाल- प्रादिनाथ के पंच मंगल अचलकीर्ति- कर्ममत्तीसी अमरमणिक- चैत्रीविधि विषापहार स्तोत्र भाषा १०६, १२४ | बालक श्रमीचन्द्र-- बधाई अवधू- द्वादशानुप्रेक्षा अजयराज ( पाटणी) श्राज्ञा सुन्दर - विद्याविलास चौपाई अादिनाथ गुजा १३० ' पाणंदमुनि- तमास्यू की जयमान १५०, २६२ W १६८ +1 m CG NG

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