Book Title: Rajasthan ke Jain Shastra Bhandaronki Granth Soochi Part 3
Author(s): Kasturchand Kasliwal, Anupchand
Publisher: Prabandh Karini Committee Jaipur

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Page 395
________________ मथ नाम मय सची की पत्र सं. २६. पद मंजारी गीत बर्मतसंगीत पदसंग्रह १२३ (जिनदत्त विलास दानशील पौपई त्रिम पैथालय पूजा मुगुरु शतक यादिनाथस्तवन कर्मविपाकरास छराज हंसराज चौपई चेतनात ११, 2014 अम्बूस्वामीचरित्र भाषा ६७, ६३१ चिरचर जबड़ी ॥ ( ३६६ ) मंथकार का नाम ग्रंथ नाम प्रध सूची की प्रथकार का नाम पत्र से १२० जगतभूषण- पार्श्वनाम स्तोत्र २४४ | जिनदत्तजगतराम पदसंग्रह १२५, २३३, १३७,१५५ विनती जगरामधाउदव्य की भावना ५३ जिनदत्त सूरि--- १६२ जिनदास गोधाजयकृष्ण-- रूपदीपपिंगल जयचन्द्र छाबड़ा- अष्टपाहुच भाषा ३६, १११ | ब्रजिनदास स्वा० कार्तिकेयानुप्रेक्षा भाषा४६,१४१ चारित्रयाहुङ भाषा | जिनदेव सूरिझानादि भाषा * पाण्डे जिनदासतत्त्वार्थप्दव भाषा दर्शनपाडु देवागमस्तोत्र भाषा द्रव्यसंग्रह भाषा परीक्षामुख भाषा बोधपाहुड भाषा मनामस्तोत्र भाषा समयसार माषा ४५ | जिनप्रभ सूरि-- सामायिक वनिका १०१ ,२६३ सूत्रपाहुद जिनरंगउपाध्याय जयसागर-श्री बिनकुशल सरि स्तुति 1४० जवाहरलाल- पंचकुमार पूजा ___ सम्मेदशिखर पूजा महाराज जसवंतसिंहমিামুন २७१ | जिनराज सूरि- जिनकुशल सूरि- द स्तवन to. | पांडे जिनराय- जिनचंद्र सूरि- पद २७३ जिन २७२ १६५ मालीरासा मुनीश्वरों की जयमाल १६४,207 योगीरामा ४२, ११७, १११, १२० १३१, १३, १५३, ११, ३०५ अजितनाथ स्तवन ३४० पभावती चौपई चतुर्विशति जिन तोत्र चिंतामणि पानाथ स्तवम १. पार्श्वनाथ स्तोत्र १४० प्रभोध बावनी प्रस्ताबिक दोहा पार्श्वनाम स्तोत्र शालिभद्र चौपई 1,२८६ जम्बूस्वामी पूजा बजित-शांति स्तवन ३१ १७३

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