Book Title: Rajasthan ke Jain Shastra Bhandaronki Granth Soochi Part 3
Author(s): Kasturchand Kasliwal, Anupchand
Publisher: Prabandh Karini Committee Jaipur
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( ३७० ) अंधकार का नाम मथ नाम अथ सूची की ग्रंथकार का नाम
पत्र संक सरस्वती पूजा
६१ | बखतराममुभाषितावली पन्नालाल संघी- बीस तीर्थकर पूना २०३ पृथ्वीराज राठौड-- कृष्णरुक्मणि बेलि ११८ ! बनारसीदास
कवित पृथ्वीराज बेलि
(कृप्यारुक्मणि नेलि) प्रभु कवि- वैराट पुराण पर्वतधर्मार्थी- द्वव्यसंग्रह बाल ब्राचिनी नीका १६,
नथ नाम प्रथ सूची की
पत्र संग प्रासाबरी पदसंग्रह
१३७ मिष्यात खंडन अध्यात्म सीसी
कमानक उपदेश पचीसी १४६ उपदेश शतक कर्मप्रति वर्णन कर्मप्रकृति विधान कल्यापमंदिरस्तोत्र मात्रा १०२, १४३, ११५, १२४, १४६, १५३
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कवित गोरख वचन
२८१ जिनसहस्रनाम भाषः १०३, १३७,
भानपच्चीसी
१४, १५.२, १६३,
२८१
ज्ञानवतीसी
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समाधितंत्र भाषा ४५, १६५ परमानंद-- क्द परिखाराम- मांगीतुगी तीर्थ वर्णन परिमल्ल-- श्रीपाल चरित्र पारसदास निगोत्या
ज्ञानसूर्योदय नाटक पुण्यरत्नगणि- यादवरासो घुश्यकीति- पुण्यसार कथा पुण्यसागर
ब्रह्मचर्य नववादि वर्णन सुबाहु ऋषि संधि
२३२ मेधकुमार गीत ११५, ११७, १२.,
१३०, १५६, १६४
विनता प्रेमराज
पंचपरमेष्टि मंत्र स्तवन बीसविरहमान स्तुति
सोलह सती स्तवन पोपट शाह- मदनमंजरी का प्रबंधन
राजाचंद की कथा बीराम
पूनो
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तरहकाठिया
२. ग्यानबसीसी १५३, २८२ पद संग्रह ११३, १५३, १५.. परमज्योति २५७, ३११ बनारसी बिलास १.१४, ११५, ११.
१२०, १३, १७२ भवसिंधु चतुर्दशी २८१ मझिा
१२० मिध्यावविध मोक्ष पैटी ३३, १११, ११६, ३०६
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