Book Title: Rajasthan ke Jain Shastra Bhandaronki Granth Soochi Part 3
Author(s): Kasturchand Kasliwal, Anupchand
Publisher: Prabandh Karini Committee Jaipur
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पत्र संक
६३, २२२
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२५८, २-३
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ग्रंथकार का नाम नथ नाम नथ सूची की | पंथकार का नाम ग्रंथ नाम ग्रंथ सूची की
पत्र सं० । दौलतराम-- अध्यात्म बारहमा ३५
सिंदूचक पूजा ( अष्टारिका । २० श्रादिपुराण भाषा
सिड्चत कथा कियाकोश
सिद्धांतसार दीपक माषा चौबीसदंतक २८, १८४, ३१२
नंद
यशोधर चरित्र येषनकिया विधि २८ नंददास
मानमंजरी पनपुराणभाषा F४,२२३
नासिकेतोपाम्यान मामा ४१
बने कार्य मंजरी पुण्याश्रवकथाकोश ४,२२६
नन्द नन्दन- चौरासी गोत्रोत्पति वशन पुरुषार्थसिद्धव पाय
नंदराम
सम्मेद शिम्बर पजा श्रीपाल चरित्र ७८ ! नागरीदास- कचमन
२४सारसमुच्चय
वैनक्लिास हरिवंशपुराना ६.६, २२४ नाथू
नेमिनाथ काव्याला धनराज
मंमिनाथ स्तबम मुनिधर्मचंद्र-- गीत
२७२
नाथूराम- जम्बूस्वामी चरित्र धर्म धमा
सुकुमाल चरित्र धर्मदास- पण का बारहमामा
५५ | मुनि नारायण- श्रइमताकुमार राम पद संग्रह
नरकी शकुनावली
१४% ब्रह्म धर्मांच- नमीश्वर के वश मानर
कवि निरमलदास- पंचाख्यान ( पंचतंत्र । २६६ धर्मसुन्दर ( वाचनाचार्य)
नेमकीर्ति- पद अमापदगिरिकन
नेमिचन्द्र
हरिवंशपुराग नयसुन्दर-- शत्रुजयोद्धार
पोल्यंकर चौपई
१२७ नवलराम-- निदेव पास
नेमीश्वरराम
१२० पदसंग्रह ३५, २५२, १६२ पदमराज--- फन्नुनधी पानाप स्तवन बनत।
राजल का बारहमासा नथमल बिलाला.. नागकुमार चरित्र
पनानाभ---
गर की प्रावनी चकचोर कपा
पन्नालाल
अाराधनासार भाषा धनदरा सेठ की कथा
न्यायदीपिका भाषा भकामरतोष भाषा कमा सहित ५४१
सद्भाषितावली महोपाल परिव
गमवशरण पृजा
५२७
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