Book Title: Rajasthan ke Jain Shastra Bhandaronki Granth Soochi Part 3
Author(s): Kasturchand Kasliwal, Anupchand
Publisher: Prabandh Karini Committee Jaipur
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प्रथकार का नाम 'ग्रंथ नाम पंथ सूची की | ग्रंथकार का नाम प्रथ नाम पथ सूची की पत्र सं०
पत्र सं पंचपरमेष्टी गुणस्तवन
रत्नत्रयजामाषा पंचपरमेष्टी पूजा
शास्त्र पूजा बारड्यनुप्रेक्षा
समाधिमरण सम्यप्रकाश
सिंचन पूजा संघपतिराय लूगर- पद
सोलहकारण पूजा गरसी बैनाडा-- श्री जिनस्तुति
संबोधपंचासिका ३५, ११६, १३२ पं०डूगो- नेमिजी की लहर
२७३,३११ तुलसीदास- सीता स्वयंवर लीला
२७८
स्तुति व तेजपाल-- चडबीसतीर्थकर विनती
| दादूदयाल-- दोहा श्रीजिन स्तुति
१६७ | दीपचन्द- अनुमत्र प्रकाश २३, १८२ त्रिभुवनचन्द्र- अनित्य पंचाशिका
श्रात्मावलोकन संबोध पंचासिका त्रिलोकेन्द्रकीति- सामायिकपाट भाका
पद संग्रह ११३,१२,१३२ श्रीदसलाल- बारहयदी
१५१, १५३, १६३, २१ थानसिंह - स्लकाराश्रावकाचार
परमात्मपुराण মুক্তিসাধ্য
बिनती ब्रह्मदयालपद संग्रह
१०४ | बाबा दुलीचंद- धर्मपरीक्षा मापा दरिगहजस्वी
पूजन क्रिया वर्णन घानतराय- अष्टाहिका पूजा
मृत्युमहोत्सव भाषा १०८ नामों की मुबमाला
दुलह
कविकुलकंठामाशा एकीभाव स्तोत्र माषा २६७ कवि देव
भ्रष्टजाम
२७१ चर्चाशतक , १४, १७७ मुनि देवचंद्र- बागमसार छहदाला ३७, ३११ : देवानाम- विनती दशरधानचौवीसी २५६
सास बद्दूका झगडा धर्म विलास २, ५३८, ३१० देवीदास-- राजनीति कवित नियाकाण्ड पज
| देवीदास नन्दन गरिणपदसंग्रह १०, १२६, १३७
चेतनगीत
वराग्य गीत पाश्चना मात्र २४४ संगही दौलतराम- प्रतविधान रासो
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म. १०
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२४३
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