Book Title: Rajasthan ke Jain Shastra Bhandaronki Granth Soochi Part 3
Author(s): Kasturchand Kasliwal, Anupchand
Publisher: Prabandh Karini Committee Jaipur
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( ३३६) प्रन्थ नाम लेखक
भाषा पत्र सं० | ग्रन्थ नाम लेखक भाषा पत्र सं० भारहवम प्रेता
नथमल (हि.) २२७ मारहखडी
सूरत
(नि.) १४,१६१ (धनदत्तसेठकीकथा)
२५७, ३५१ | देतानजयमाल बारहखडी ( हिं० ) १४२,१५७ अंदना
अजयराज भारहखडी श्रीदत्तलाल
हि.) १६२,१६६/ बंधचोल बारहभावना
(हि.) २६३,३०० ब्रह्मविलास भगवतीदास (हि) २३
१३६ अ चर्यनत्रवादि वर्णन पुठण्य सागर (हि.) १४ बारहभावना भूधरदास बरहम बना भगवतीदास (हि.) १६२,१६६ बारहमाला
भक्तमाख बारहवतोयापन
भक्तामरपूजाउद्यापन श्री भषण (सं.) ५६, २०४ (द्वादसत्राविधान )
भकामरस्तोत्रपूजा श्रा० सोमसेन (सं.) २०३ बाहुबलिचरिए पं०धनपाल (अपर) ७२ सक्तामरसूजा
(सं.) १५८ (बाहुबलि देव चरित्र
भक्तामरमाषा गंगाराम पांड्या (हि.) १२६ मीमतीर्थकर जखडी भूधरदास (हि.) ३११ ।
भक्तामरभाषा
(हि.) १२४,२६० बीसतीर्थंकरों की जयमाल (हि.) १२३
२५., ३०१, ३०३, ३१२ बीसतीर्थकरों को नामावलि
भक्तामरस्तोत्र श्राचार्य मानतुंग (सं.) ११, १०५ पीसतीर्थकों की पूजा अजयराज
१०६, १०, १११, ११२, १२६, १३५,
(हि.) १३० चीसतीशंकरपूजा पन्नालाल संघी। (हि.) २०३
२६२, २४, २६४, २७६, १७, बीसतीर्थकरपूजा नरेन्द्रकीर्ति
२८०, ३००, ३१०, ३११, ३१२ सं.) २.४ बीसतीर्णकरस्तुति सहजकीर्ति
भक्तामरस्तोत्र माषा हेमराज (0) १.४, ११२ (हि.) १४७
११५, १३५, १३६, १६४ बीसविरहमान के नाम - (हि.) १२१
१७२, २६३, २४, ३०२, बीसविरहमानस्तुति प्रेमराज (हि.) १४७ चीसविद्यमानतीर्थ कर पूजा
(हि.) ३.१ भक्तामरस्तोत्रटीका - (सं.)।०५, १०६. बीसा यंत्र
(हि.) २८५ बुद्धजनविलास बुधजनं (हि.) १७३,३१२/ भशामरस्तोत्र टीका खयराज श्रीमाल (हि.) ११५ सुधजनसतसई बुधजन
(हि.} १४ भक्तामरस्तोत्रवृत्ति प्र० रायमल्ल (सं.) १०६ बुधराम
(हि.) १५०
भक्तामरवृत्ति म० रतनचन्द्र सूरि (सं.) २४१ वेलिफेविषैकयन हर्षकीति (हिं०) १२८ | मक्तामर स्तोत्र भाषा जयचन्दजी छाबड़ा (हि.) २४२ बाधिपाहुह भाषा जयचंद छाबड़ा (हि.) १६५ | मक्तामरस्तोत्रभाषा कमा माहित नथमल (हि.) २४२
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