Book Title: Rajasthan ke Jain Shastra Bhandaronki Granth Soochi Part 3
Author(s): Kasturchand Kasliwal, Anupchand
Publisher: Prabandh Karini Committee Jaipur

View full book text
Previous | Next

Page 364
________________ अन्य नाम . लेखक भाषा पत्र सं० ग्रन्थ नाम भाषा पत्र सं० पाशाकेवली (सं०) २४५ पूजा एवं श्रमिषेक विधि (सं.) २.३ पाशाकेवली हि.) १२५ माटेगा (सं.) २ (अवजदकेवली) पूजा स्तोत्रसंग्रह (हि.) ४ पादिक्सूत्र (सं०) ११ | पोसापटिकम्मण उठावना विधि पीपाजी की चित्रावनी (हि.) २८० पोपानी को परिचई - प्रीतिकरचरित्र न. नेमिदत्त (सं.) ७२,२१३ / फलपाता प्रीतिकरचौपाई नेमिचंद (हि.) १२७ (फलचितामणि पुण्डरीकस्तोत्र - (सं.) २८८ फलवधी पार्श्वनाथस्तवन पदमराज (हि.) १४. पुण्यपाप जगमूल पच्चीसी भगवतीदास (दि.) १५५ फुटकर कवित्त (हि.) १५१ पुण्यसारकथा पुण्यकीर्ति (हि.) २३ | फुरकरगाथा (प्रा.) २५७ पुण्याश्रय कथाकोष दौलतराम (हि.) २२६,८४ | फुटकर दोहे तथा | फुटकर दोहे तथा गिरधरदास (हि.) १३७ पुण्याश्रवकभाकोष किशनसिंह (हि.) १२५ । कुलिया पुण्याहवाचन (सं०) २८८ ब पुरन्दरचौपई मालदेव पुराणसारसंग्रह भ. सकलकीर्ति (सं. ६४ ! चाककका मनराम (हि.) १५३ पुरुषार्थसिद्धयुपाय अमृतचंद्राचार्य (सं० ) ३२, १८५ बडाफल्याय पुरूषार्थसिद्धयुपाय पं. टोडरमल (हि.) ३२५ মান (सं.) १०४ पुरूषार्थसिद्धयुपाय दौलतराम (हि.) १८५ | पचीसी मनराम पुरुषार्थानुशासन गोविंद (सं०) १८६ बधाई बालक अमीचंद (दि.) १३. पुथमाश हेमचंद्र सूरि (प्रा.) १८६ । प्रधाना पुष्पांजलितोद्यापन - (सं.)२०४, ५८ | बनारसीविलास बनारसीदास (हि.) ४, ११४, पुष्पांजलिव्रतकथा त्रज्ञानसागर (हि. १८) २६५ ११५, १९८, १२०, १३०, १५३ गूजन क्रियावर्णन पाबा दुलीचंद (हि.) ५० पलभद्रपुराय (अप.) २२३ पूजासंग्रह (हि.) ५८, २७४ बहरिजिनेन्द्र जयमाल - (सं.) १३६ भाईस परीषह भूधरदास पूजासंग्रह (सं.) ५८,k पूजासंग्रह (सं.हि.) ११२, माईलपरीषह (हि.) १७,१८२ - ___रइधू पूजापाठसंग्रह - (हि.) १५४, १५८, बाल्यवर्णन . १६३, १६५, २६४, २६.७, ३०६, २०३ मावनलम्ब अजयराज रूपदीप (हि.) (हि.) १३० ३

Loading...

Page Navigation
1 ... 362 363 364 365 366 367 368 369 370 371 372 373 374 375 376 377 378 379 380 381 382 383 384 385 386 387 388 389 390 391 392 393 394 395 396 397 398 399 400 401 402 403 404 405 406 407 408 409 410 411 412 413