Book Title: Rajasthan ke Jain Shastra Bhandaronki Granth Soochi Part 3
Author(s): Kasturchand Kasliwal, Anupchand
Publisher: Prabandh Karini Committee Jaipur
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भट्टी
ANAN
( ३३८ ) प्रन्थ नाम लेखक भाषा पत्र सं० । ग्रन्थ नाम लेखक
भाषा पत्र सं० मनुष्य की उत्पत्ति { हि.) १४१ : पुनिमाला
(हि.) १४८ मनोरथमाला
(हि.) १६४ मुनिवर्णन महादेव का ब्याहलो (हि०) 135 निवा स्तुति
(हि.) १५१ महाभारतकथा लालदाम (हि. ) १३६,२६७ मनौश्वरों की जयमाल जिणदास (हि ) १६५,३०५ महाभारत कथा
(हि.) ३०१ | मुनिगीत महावार वामती
(हि.) .५६ . पुनिस्मतानुज्ञा योगदेव । (चदिनपुर।
मुलाभिमान र खुशालचन्द्र (हि.) २२० महावीरस्तवन जिनबल्लभ (सं.) १४१
मुक्तावलीनतोधापनपूजा ---- (सं.) २.६ महाबीर स्तवन
पुकुटसप्तमीकथा प्र. ज्ञानसागर (हि.) : ६५ महाबीर स्तवन
मुकुटसप्तमीबतकमा खुशाल चन्द । हि०) २६७ महीमट्टी
मूटावृकवर्णन भगवतीदास (हि.) १३२ महीपालचरित्र मुनि चारित्रभूषा (सं.) ७४
मूलाचारप्रदीपिका भः सकलकीति (दि. ३३ महीपाल चरित्र नश्रमल (हि.) २
मूलाचारभाषा टीका ऋषभदास (हि.) ३. मांगीतुगी तीर्थ वर्णन परिखाराम
मेघमारगीत
(हि ,१५,११. मांगीतु गी की जबढी रामकीर्ति (हि.) २७.
१२०, १३, १४,६४, १९७ मांगीतुमी स्तवन
(दि.) ३०३
मेघकुमासगीत कनककात्ति (हि.) २२७ मतिचत्तौसी यशःकौति (हि.) २८२ | मेघदत्त
कालिदास (सं.) २१७ मातृकापाठ
(हि.) १४%
मेघमालाउद्यापन मानवावनी
मेघभारतावतकथा ब्रझानसागर (हि.) २६६ मानमंजस (हि.)२८,२६३ मेचमादावत कथा स्वशाल चन्द
(हि.) २१, मामवर्णन
(सं.) २१७ | मोनी बनारसीदास मारीस्तोत्र
(सं.) ३१.! मालपच्चीसी विनोदीलाल (हि.) १. मोक्षमार्ग प्रकाश पंटोबरमल (हि.) ३४, १४७ माखामहोत्सव विनोदीलाल हि ) ३ मोहमुखवर्णन -- मासीरासा जिणदास हि.) १६६ मोडा हपकीति
(हि.) १४८ मासांतचतुर्दशीपूजा अक्षयराम (सं.) २०. ! मोरनज लीला
(हि.) १३६ मित्रविलास घीसा (हि.) ३१२ | मोहउत्कृष्ट स्थिति पीसी - मितभाषणीटीका शियादित्य (सं.) ४८ मोहमर्दन कथा
(हि.) २०७ मिथ्या वस्लंडन अखतराम साह (हि.) १८७ / मोहवित्रकयुद्ध बनारसीदास (हि.):१,१६५ मिथ्यात्वनिषेध बनारसीदास (हि.} १७ |
नंददास
TY
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