Book Title: Rajasthan ke Jain Shastra Bhandaronki Granth Soochi Part 3
Author(s): Kasturchand Kasliwal, Anupchand
Publisher: Prabandh Karini Committee Jaipur
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अन्थ नाम
विक्की
विनती
विनती संग्रह
विनती
विनती
विनती संग्रह
बिनतीसंग्रह
विमलनाथपूजा
विमलनाथ पूजा विमलनाथपूजा
त्रिवेकचॉपर
विरहनी के गीत विवेक खडी
विष्णुसहसनाम
विषापहार
विहार टीका
विषापहारस्तोत्र
विशेष सत्तात्रिमंभी
बिहारी पतस
विनती संग्रह
लेखक
किशनस्ि
वीतरागक
वीरतपसभा
वीरस्तवन
बैताल पच्चीसी
वैताल पच्चीसी
वैजीवन
जगतराम
देवाब्रह्म
पूनो
मनराम
1!
रामचंद
ब्रह्मगुलाल
T
नागचंद्रसूरि
धनंजय
विहारी
भूधरदास
लोलिम्बराज
भाषा पत्र सं०
(Re)
( हि० )
( हि०)
(हि० )
हि० )
( ३४२ )
१२६
१३२
१३१
(०) २०६, ३१७ वैराग्यशतक
(हि० ) १०४,१२८ वैराग्यशतक १५७, २७३ वैराटपुराय (हिं०) १५८,२०० वैराम्यमाना
(सं० )
(हि० )
| हि० )
( हि० )
( सं० )
( हि० )
(सं० )
२०६
३०४
२७५
२७२
ग्रन्थ नाम
बंद्यलक्षण
चैनविखास
د -
२९१
शत्रु जयमुखमंडल श्री श्रादिनाथ स्तवन २४३ | शत्रु जयमुखमंडनस्तोत्र विजयतिलक (सं०) १०६, १०० ( युगादिदेव स्तवन ) १५७, १५८, २४३, २७८, २०० विषापहारस्तोत्र भाषा अचलकी ति ( हि०) १०६, १२४
१२६, १३१, २४३
(हि० ) १-२
( हिं०) १११,१३४ शनिश्चरस्तीय दशरथ महाराज ( हि० ) ३११ शनिश्चरस्तोत्र
( सं० ) २१० शान्तिकरणस्तोत्र
( हि० गु० ) १०६
( सं ० ) २०५
( हि० ) २६४
(हि००८
( सं० ) २४७
पच्चीसी
लेखक
बनारसीदास
नागरीदास
भगवतीदास
भर्तृहरि
प्रभु कवि
भूधरदास
श
शकस्तवन
सिद्धसेन दिवाकर भर्तृहरि
शतकत्रय
शब्दानुशासन वृत्ति हेमचन्द्राचार्य
शब्द व वातु पाठसंग्रह
शब्दरूपावली
शान्तिचक्रपूजा
शान्तिनाथपूजा शान्तिनापुरासा
शान्तिनाथपुराण शान्तिनाथजयभाऊ
शनिश्चरदेव की क्या
---
भापा पत्र सं
( हि० )
सुरेश्वर कीर्त्ति
अशग
सकलकीत्ति
अजयराज
शत्रुजियोद्वार 2 भानुमेरु का शिष्य ( हि० ) नयसुन्दर
(हि-)
२५०
(हि० प०) ४२,
१३३, १७२
63
( प्रा० )
( सं )
(हि० )
( हि }
( सं० )
( सं )
( [सं० )
( सं ० )
( सं० )
(सं० )
( गु० )
२०१
१४२
२६३
३११
ܕ
२३६
२३३
२६४
८७
३१०
२४३
१२३
(हि०) २६७,८५ १३४, १३८ १४० २७५
( प्रा० )
( हि० )
( प्रा० ) २६८
(सं० ) ६०, २०४
( सं ) २०७
( सं० )
ક્ર્
(सं० ) ६६, १२४
( हि० )
१३०
९
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