Book Title: Rajasthan ke Jain Shastra Bhandaronki Granth Soochi Part 3
Author(s): Kasturchand Kasliwal, Anupchand
Publisher: Prabandh Karini Committee Jaipur

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Page 372
________________ पद्ममंदि ३. ( ३४३ ) ग्रन्थ नाम लेखक भाषा पत्र सं० ग्रन्थ नाम लम्बक भाषा पत्र सं० शान्तिपाल -- (सं.) १५६ शुभाषितार्गार (सं.) १६३ शान्तिनाथस्तवन केशव (हि.) २१ | श्रद्धाननिर्णय शान्तिनाथस्तवन गुणसागर (हि.) २०२ थचकाचार अमितगति (सं. सान्तिनामस्तोत्र गुरुभद्र ( गुणभद्र) (सं.) ११५ श्रावकाचार गुणभूषणाचार्य शान्तिनामस्तोत्र कुशलवर्धनशिष्य (हि० २४२ । श्ररवकाचार (सं.) ३५ नगागणि आक्काचार पूज्यपाद (सं. शान्ति नामस्तोष मालदेवाचार्य (सं०) ३१२ श्रावकाचार योगीन्द्र देव ( अप.) १६ शान्तिस्तवन (सं.) ३१ श्रावकाचार वसुनंदि (सं.) ३५ शान्तिस्तवनस्तोत्र श्रावकाचार (प्रा.) शालिभद्रचौपई जिनराजसूरि (हि.) ७,२६. श्रावकाचार शारितभरचौपई (हि०) २७२ श्रावकाचार (हि.) १८८ शालिमसम्झाय मुनि लावनस्वामी (हि) १७४ श्रावकाचारदोहा लक्ष्मीचंद शालिहोत्र पं. नकुल (सं० हि ) २६६ } श्रायकों के १७ नियम - शास्त्रपूजा द्यानतराय ० ६ . | श्राव कक्रियावर्णम - शास्त्रमंडलपूजा ज्ञानभूषण (सं.) २०४ . आत्रकधर्भवनिका - (हि. ३४ शिखरविलास मनसुखराम (हि.) १८८ . श्रावकदिनकृत्यवर्णन - शिवरविलास (6.) २६ । श्रावक प्रतिकमसूत्र - (प्रा.) ५,२६४ शिक्पच्चीसी बनारसीदास (हि.) २८,२६१ श्रावकनी सम्झाय जिनहर्ष शिवरमकी का विवाह अजयराज (हि. १६३ | धर्मवर्णन (हि.) १७६ शिशुपालवध महाकवि माघ (सं०) १ प्रावकसूत्र (प्रा.) २६. शिष्यदीक्षाबीसं। पाठ - (हि.) २ , श्रावणद्वादशी कथा व ज्ञानसागर (हि०प०) २६५ शीघ्रबोध काशीनाथ (सं०) २४॥ | श्रीपालचरित्र कवि दामोदर (प.) शीलगीत भैरवदास (हि.) २६४, श्रीपालबधि श्रीपाल चरित्र दौलतराम दौलतराम (हि.) ७८ शीतलनाथस्तवन धनराज के शिष्य (हि.) २ श्रीपालचरित्र बनेमिदत्त सं०) ७८,११६ हरखचंद श्रीपालचरित परिमल्ल (हि.) ७६,२१६ शीलकमा भारामल्ल (हि- ५,२८७ श्रीपालचरित्र (हि. ग.) शीलतरंगिनीकथा अखेराम लुहाडिया (हि ५० ८६ | श्रीपालदर्शन (हि.) १४६ शीलरास विजयदेवसूरि (हि.) १३१,२६१ श्रीपालास न रायमल्ल (हि.) ११.३,१३१ शुकराज कमा माणिक्यसुन्दर सं०) २२ २७०, २१,२८, ३.४, ३०७ ( रात्रु जयगिरि स्तवन) श्रीपाल की स्तुति

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