Book Title: Rajasthan ke Jain Shastra Bhandaronki Granth Soochi Part 3
Author(s): Kasturchand Kasliwal, Anupchand
Publisher: Prabandh Karini Committee Jaipur
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संग्रह ] पद-निय ते नर मषि यों ही खोयो
रोगापहार देखो
मनराम
हिन्दी
पद-मुम्ब नही कर पापली नहीं हो हकीर्ति
संसार मझार
१२ अंतरे हैं।
१७०७. गुटका नं०१८। पत्र संख्या-१६ । साहज-sxइ
भाषा-हिन्दी लेखन काल-x|
पूर्ण। वेष्टन नं. ६३५ ।
कती का नाम
विषय-सूची कल्याणमन्दिरस्तोत्र मावा
भाषा
विशेष
भक्तामर माषा कम मत्तीसी
बनारसीदास हेमराज अचलकीति
का० १७७५ पाहा नगर में रचना की गयी थी।
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शान पच्चीसी मेष कुमार गौत सिन्दूर प्रकरण बनारसी विलास के पद एका पाठ जम्बूस्वामी पूजा
नारसीदास
पूनों बनारसीदास
पांडे जनराम
ले. का. १७४४ पोषपदी
विशेष-जबलपुर में प्रतिलिपि की गई थी। विशेष-१२० पत्र से धागे की लिपि पटने में नहीं यातः ।
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७०८. गुटका नं०१६ । पत्र संख्या-१२ । साज-५४४६ च । माषा-हिन्दी । लेखन काल-x1 पूर्णः । ०४
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बहन नं.
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विशेष-जीवों की संख्या का वर्णन है।
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७०६ गुटका नं०२० । वषरस्या-१३५ साज-61x..इन । भाषा-हिन्दी लेखन काल-२०१३८ । पूर्या । वरन नं.८८ ।
निम्न पारों का मह है -
बनारसीदास
रचना काल सं १६६१
समयसार नाटक बनारसी विलास कर्म प्रति वर्णन