Book Title: Rajasthan ke Jain Shastra Bhandaronki Granth Soochi Part 3
Author(s): Kasturchand Kasliwal, Anupchand
Publisher: Prabandh Karini Committee Jaipur
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(३२७ ) मन्थ नाम लेखक भाषा पत्र सं० ग्रन्थ नाम
लेखक
भाषा पत्र सं० दर्शन
(सं.) ३३,३०२ | दोहाशतक रूपचन्द दर्शनकथा . . मारामल्ल (हि.) 3 | मोहाशतक योगीन्द्र देव (अ०१ २ হাহাক चैनसुख (हि०) दर्शनपचीसी आरतराम (हि.) २८ | हे दादूदयाल हि २७५ दर्शनपाठ . - (हि.) . १०३ | दंडकषट्त्रिंशिका - (सं.) २४० दर्शनपाठ __ -- (सं.) ११, १५८ द्रव्यसंग्रह प्रा नेमिचन्द्र (पा० ) ११, १६, १३॥ दर्शनपाहुड पं० जयचंद (हिं० )
१३६, १८०, २७९, ३०३, १०. दर्शनमार देयसेन (प्रा० ) १५६, १६६
११२, १२२ दर्शनायक - (सं० ।
दव्यसंग्रह भाषा जयचंद छाबड़ा ( हि०) दसकरमापाठ
द्रव्यसंग्रह भाषा बंशीधर (हि.) १८ ( दसबंधमेद वर्णन )
द्रव्यसंग्रह भाषा दसूमालिका बंशीधर
द्रव्यसंग्रह भाषा पर्वतधर्मार्थी (गु०) १६, १७, १८. दसोत्तरा (पहेलियाँ) - (हि०)
दम्य का न्योस
(हि.) १८ दानकथा भारामल्ल (हि० ) | द्रव्य संग्रह वृत्ति ब्रह्मदेव (सं.) १७, १८० दानशीलचौपई जिनदत्त सूरि (हि.)
द्वादशांगपूजा दानशीलसंवाद. समयसुन्दर (हि.)
द्वादशानु प्रेक्षा
(प्रा.) . दानशीलतपमाबना - (हि.)
द्वादशानुप्रेक्षा
(हि.) ४०,११५,१६५ दुर्गपदामोध श्री वल्लभवाचक (सं.)
...२०,१३८, १२२ हेमचन्द्राचार्य
द्वादशानुप्रेक्षा लन्मीचन्द (प्रा.) ११८ देवगुरु पूजा - (हिं.)
द्वादशानुप्रेक्षा औधू (हि.) ११६ देवप्रभारतीय जयनंदि सूरि (सं.).. द्वादशानुप्रेता आलू (हि.) १६, ११२ देवपूजा . - (सं.)।४, ५१, २०१ | द्वादशनतपूजा देवेन्द्रकीति (२०) २१, २०१ देवपूजा
(हि.)
द्विसंधान काव्य सटीक नेमिचन्द् (सं.) देवसिद्ध पूजा देवसिद्धपूजा
ध देवागमस्लोत्र श्रा० समंतभद्र (सं०) १७, २४० धनंजयनाममाला धनंजय (सं० ) ૨૧૨ देवागमस्तोत्र भाषा जयचन्द छाबड़ा (हि.) धन्यकुमार चरित्र सकलकीति (सं०) ०, २१२ देहली के राजाओं की वंशावलि (हि.। १३३, २७५ धन्यकुमार चरित्र बनेमिदत्त (सं.) ०, २१२ देहव्यथा कथन
(हि० ). .. २. | धन्यकुमार चरित्र खुशालचन्द (सं) ., २१२ दोहाशतक हेमराज (हि.) ११४ ] धन्यकुमार चरित्र गुणभद्राचार्य (सं)
२४
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