Book Title: Rajasthan ke Jain Shastra Bhandaronki Granth Soochi Part 3
Author(s): Kasturchand Kasliwal, Anupchand
Publisher: Prabandh Karini Committee Jaipur
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गुटके एवं संग्रह ग्रन्थ ]
[३०४ ६४०. गुटका नं० १३६-- पत्र संख्या-१.२ । साइज-७३x. इश्च । भाषा-हिन्दी । लेखन काल-x। अपूर्ण ।
माषा
हिन्दी
विषय-सूची
कर्ण का नाम मधुमालती की बात
चतुर्भुजदास ६४५ पच तक है। . पंचतंत्रभाषा
विशेष अपूर्ण
हिन्दी गद्य
विशेष-मे लाभ तथा सद् भद तो पूर्ण है किन्तु विग्रह कपा अपूर्ण हैं ।
६४१. गुटका ने०१४-पत्र संरूपा-५६ | साइज-७४५ इञ्च | भाषा-संस्कृत हिन्दी । लेखन काल-XI अपूर्ण।
विषय-सूची नेमीश्नरावलसंवाद
कती का नाम
भाषा विनोदीलाल
नेमकीति सरणागति तेरो नाथ त्यारिये श्री महावीर ।
पद
पंचकमारपूजा बीस विधमान तीर्थकर पूजा तत्स्वार्थ सूत्र परोयह वर्णन चन्द्रगुप्त के सोलह स्वप्न
उमाखामि
६४२. गुटका नं-१४१-पत्र संख्या-६२ । साइज-६४६ इञ्च | भाषा-संस्क्रुत । लेखन काल-पूर्ण । विशेष-भक्तामरस्तोत्र ( मंत्रसहित ) तथा देवसिद्धपूजा है।
६४३. गुटका नं० १४२----पत्र संख्या-१५ से १८६ । साइज-४६ एव । भाषा-प्राकृत-संरक्त हिन्दी । लेखन काल-X । अपूर्ण एवं जीर्ण । विषय-सूची कर्ता का नाम
भाषा (१) अजितशांति स्तवन
प्राकृत
४० गापा
प्रथम चार गामायें नहीं है। (२) सीमंधरस्वामीस्तवन (३) नेमिनाम एवं पार्श्वनाथ स्तवन, (४) बार नवन और महावीर स्तवन -