Book Title: Rajasthan ke Jain Shastra Bhandaronki Granth Soochi Part 3
Author(s): Kasturchand Kasliwal, Anupchand
Publisher: Prabandh Karini Committee Jaipur

View full book text
Previous | Next

Page 349
________________ भाषा पत्र सं० ग (हि.) ३११ (सं.) ३०% (सं.) ११८ (सं०) १ (प्रा.) ३१२ (हि.) २८१ ( ३२०) अन्य नाम लेखक भाषा पत्र सं० । अन्य नाम लेखक किरातार्जुनीय भारथि (सं.) २.४ कियाकोष भाषा किशनसिंह जमावमा भूधरदास क्रियाकोष भाषा दौलतराम गणधर मुख्य पाठ कुलिया (हि.) १३६ गणधरवलयपूजा कुदेववर्णन गगधरवलयपूजा शुभचन्द्र कुदेव स्वरूप वर्णन (हि.) ११३ गयाधरवलयपूजा सकलकीर्ति कुमतिनिघटिन श्रीमंधर जिनस्तवन गावरस्तवन कुमारसंमक कालिदास (सं.) २१० गणनायक क्षेमकरण धर्मसिंहसूरि कुरेरस्तोत्र (सं.) २३८ जन्मोत्पत्ति कुवलयानंदकारिका (सं०) १६६ गणभेद रघुनाथसिंह सुरि कोकसार आनंद कवि (हि.) १३६ गंगासरावावर्णन कोकिलापंचर्माकथा ब्रह्म ज्ञानसागर (हि०) २६५ गंगाष्टक शंकराचार्य কীবুল (सं०) १८ अन्धसूची तपणासार प्राचार्य नेमिचंद्र (प्रा०) ५ अहवालविचार झपणासार टीका माधवचन्द्र विद्यदेव (सं.) उपवासार भाषा पं० टोडरमल (हि०) ५,६,10 ग्यारहप्रतिमावर्णन मुनि कनकामर ग्यारहप्रतिमावर्णन - क्षमावतीसी समयसुन्दर (हि.) १२६ गिरनार सिद्धक्षेत्र पूजा हजारीमल्ल तीराव विश्वकर्मा (सं.) २४ गिरनारक्षेत्रपूजा क्षेत्रपाल का गौत (हि.) १४ चन्द्रकीर्ति क्षेत्रपालपूजा गौत मुनि धर्मचन्द्र क्षेत्रपालस्तोत्र (सं.) २८ देवपालपूजा (.) २५३ (हि.) १३५ (हि.) २८७ (हि.) ११७ (हि.) १८४ (हि.) ५८ (हि.) ५१ (हि.) २५२ (हि.) २७२ (हि.) २४३ ( हि० ,१५४,३४४ गीत (सं.) १५६ गातीसी भावना गीत - हि.) ११६,१६४ (हि.) ३०४ खण्डेलवाल गांत्रोत्पचि - चर्थन खीचडरासो गुणगायागीत ब्रह्म बर्द्धमान मुनगंजनम ( हि० ) १५१ | गुणस्मानचर्चा गुणस्थान जीव संख्या (हि.) २५७ ___ समूह वर्णन गुणस्थानचर्चा गुणस्थानवर्णन (हि.) १५६ (हि.) १५१

Loading...

Page Navigation
1 ... 347 348 349 350 351 352 353 354 355 356 357 358 359 360 361 362 363 364 365 366 367 368 369 370 371 372 373 374 375 376 377 378 379 380 381 382 383 384 385 386 387 388 389 390 391 392 393 394 395 396 397 398 399 400 401 402 403 404 405 406 407 408 409 410 411 412 413