Book Title: Rajasthan ke Jain Shastra Bhandaronki Granth Soochi Part 3
Author(s): Kasturchand Kasliwal, Anupchand
Publisher: Prabandh Karini Committee Jaipur
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पापराताजनपूजा रामचन्द्र
( ३२१ ) प्रन्थ नाम माती पत्र संपन्य मांग
भाषा पत्र सं० गुयविवेकवारनिसाणी
चासरण परिकरया मनराम (हि.) ३०७ चक्रेश्वरीस्तोत्र
(सं०) २८८ गुरुवीनती
(हि.) १४८
| चतुर्गतिलि हर्षकीर्ति (हि.) ३०२ गुरुभक्तिस्तोत्र
(प्रा.)
। चतुर्दशीकथा हरिकृष्ण पाण्डे (हि.) १५४ गुलालपच्चीसी ब्रह्मगुलाल (हि.) ४ | चतुर्विधिसिद्धचक्रपूजा भानुकीर्ति (सं.) ५२ गौत्रवर्णन
- (हि.) २५२ | चतुर्विंशतिजिनकल्याणकपूजा भानुकीर्ति (हि.) १५१ गुरोपदेशभावकाचार डालूराम
चतुर्विशतिजिनपूजा
(हि.) ५२,१११ गोमट्ट की जयमाल - (हि.) ३.४ गोमहसार (जीवकारड) नेमिचन्द्राचार्य (प्रा.) ६ | चतुर्विंशतिजिनपूजा वृन्दावन (ह) १,१६६ गोमट्टसार (जीवकाण्ड) पं० टोडरमल (हि.),८,११७ चतुर्विंशतिजिनपूजा सेवाराम (हि.) ५१,११६ गोमट्टमार (कर्मकाण्ड) नेमिचन्द्राचार्य (प्रा.)६,११२,१७७/ चनुर्विशतिजिनपूजा - (हि.) १ गौमसार (कर्मकाण्ड) पं० टोडरमल (हि.) ८,१० | चतुर्विंशतिजिनस्तुति पद्मनंदि (सं.) ५३६ गोमट्टसार टीका (कर्मकाण्ड) मुमतिकीति (सं.। चतुर्विंशतिजिनस्तोत्र जिनरंग सूरि (हि.) १४० गोमट्टसार (कर्मकाण्ड) हेमराज (हि.) ८,१४७ चतुर्विंशतितीर्ण करपूजा - (सं.) १२ गोरखबचम बनारसीदास (हि. ) २८3 | चतुर्विंशतिस्तुति समयसुन्दर (६०) १४२ गोरसविधि
(सं.) २५२ | पतुर्विंशतिस्तुति विनोदीलाल (हि.) १५५ गोरी कालीवार
(हि.) २६४ चतुर्विंशतिरतुति शुभचन्द्र (हि०) १४३ गोविन्दाष्टक शंकराचार्य (सं० ) ३.५ चतुश्लोकी गीता - (सं० ) ३०२ गोटीपार्थस्तवन
(हि.) १४२ / चन्दनपटियतपूजा - सं०) ५२,२०१ गौतमगाभरस्तवन
| चन्दनपटियतकथा खुशालचंद (हि.) २६७ गीतमपृच्छा
(प्रा०, ३१० चन्दनपवितकथा प्रशानसागर (हि.) २६५ गौतमस्वामीचरित्र धर्मचन्द्राचार्य (सं.) १७ चन्दनपवितकथा विजयकीर्ति (सं.) २ गौतमरासा विनयप्रभ (हि.) ३.१ | नन्दनाचरित्र शुभचन्द्र (सं०) २५
चन्द्रगुप्त के सोलह स्वप्न -- हि.) १६.
चन्द्रगुप्त के सोलह स्वप्न भावभद्र (हि.) १४२ घंटाकाय मंत्र
चन्द्रगुप्त के सोलह स्वप्न ब्र० रायमल्ल (हि.) १६३,
(हि.) १२७
चउनीसतीर्थ करविनती ब्रह्मतेजपाल चउग्रीसतीर्थकरस्तुति सहजकीति
(हि.) ६६ | चन्दराजा की चौपाई (हि.) १४७ । धनमलयागिरि कथा)
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