Book Title: Rajasthan ke Jain Shastra Bhandaronki Granth Soochi Part 3
Author(s): Kasturchand Kasliwal, Anupchand
Publisher: Prabandh Karini Committee Jaipur
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शुरु विनती
साहु रिषि संधि
अंगोपांग फरकन वर्णन
ब्रह्मचर्यं नव माडि बन
लघु स्नपन विधि
अष्टादिका वपन विधि
मुनि माला
क्षेत्रपाल का गीत
८०६. गुटका
अपूर्ण । त्रेष्टन ० ११८४ ।
विषय-सूची
नूरकी शकुनावली
श्रायुर्वेद के स
वायगोला का मंत्र तथा पत्रक मारण विधि
नूरकी शकुनावली
विशेष - माईचंद में लिखा है।
मातृका पाठ
मंत्र स्तोत्र आयुर्वेद के नुसखे
विषय-सूची
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माणिक पूरि
समाधि भरण मांडा
प्रारम्भ - राम सोरठी:
पुण्यसागर
कर्ता
नूर
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नूर
हिम्पि
कर्ता
नं० ११७ | पत्र संख्या २० से ३९ । साइज - १०x४३ | भाषा - हिन्दी | लेखन काल-x
हर्ष कीर्ति
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माथा
हिन्दी
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म्हारो रे मन मोडा तू तो गिरनारच्या उठि चापरे । ₹ नेमिजी स्यौं युं कहियो राजमती दुक्ख ये सौसे ॥ म्हारो ॥
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८०७ गुटका नं० ११८ | पत्र संख्या ५३ से ८६ । साइज - ६५३ य भाषा-प्राकृत-हिन्दी | लेखन काल - X अपूर्ण । जेष्टन नं० १९८५ |
77
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भाषा
प्राकृत
हिन्दी
विशेष
अपूर्ण
21
[ संग्रह
སྨ
शेष
५३ से ६२ पत्र तक
६४ से ६७ पत्र तक