Book Title: Rajasthan ke Jain Shastra Bhandaronki Granth Soochi Part 3
Author(s): Kasturchand Kasliwal, Anupchand
Publisher: Prabandh Karini Committee Jaipur
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सुभाषित एवं नीतिशास्त्र ]
१११ है।
३५३. सूक्तिमुक्तावलि -- सोमप्रभाचार्य लेखा
रचनाकाल
२० मा
३६० मतृभाषितावली - सकलकीर्ति पत्र
विषय-सुभाषित | रचना काल -X | लेखन काल सं० १७६ । पूष्टननं २२१ ।
विशेष
महाबडा ने टीक में प्रतिलिपि की थी।
३६१.
माषिता व शुभचंद्र पत्र संख्या ६-११
मात्र । रचनाकाल -x खेखनपु पूर्व नं २०
विशेष-सा में दीपचंद ने
भी एक प्रति और है जो संवत् १०८ की हुई है।
२०. सुभाषिताचली - चौधरी पाशाल प१०४-११हिन्दी र काल
४२
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संख्या- ४५ । साह - १०x२ ६भ । भाषानं० २०८
विशेष – प्रति संस्कृत टीका सहित है। अन्तिम पुष्पिका में टीकाकार भीमराज बैंध लिखा हुआ हैं। प्रतियाँ और हैं | जो केवल मृल मात्र हैं |
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३६. प्रति नं० २११०० लेखन काल-पूर्व वे ०१०२ २६५. प्रति नं० ३६१२१३९ पूर्ण नं० २९०
विशेष—प्रति सटीक है। कां टीकाकार है।