Book Title: Rajasthan ke Jain Shastra Bhandaronki Granth Soochi Part 3
Author(s): Kasturchand Kasliwal, Anupchand
Publisher: Prabandh Karini Committee Jaipur
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गुट के एवं संग्रह प्रन्थ ]
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विशेष-अक्षर घसीट होने पढने में नहीं पाते हैं।
च । भाषा-संस्कृत, हिन्दी ।
विशेष
५६०, गुटका नं०५६-पत्र संख्या-- से ।। साइज-६३४ लेखन काल-x। पूर्ण |
विशेष-निम्न पाठ हैंविषय-सूची कर्चा का नाम
भाषा चौबीस तीर्थकर पूजा
संस्कृत सरस्वती जयमाल प्रकृतिम जयमाल परमज्योतिस्तोत्र
बनारसीदास
हिन्दी भक्तामरस्तोत्र
मानतुगाचार्य
संस्कृत
५६१. गुटका नं०६०-पत्र संख्या से ३८ । साज-v४५ हेव। भाषा-हिन्दी। विषय-कथा । लेखन काल-X । अपूर्ण ।
विशेष—हितोपदेश की कथाएं हैं ।
५६२. गुटका नं०६१-पत्र संख्या-१०३ साइज-६४५ इन। माषा-हिन्दी लेखन काल-x| अपूर्ण।
विशेष--पूजाओं तथा स्तोत्रों का संग्रह है।
५६३. गुटका ने० ६२-पत्र संख्या-१ । साहज-६४६ इञ्च । भाषा-हिन्दी। लेखन काल-सं. १७५४ ! अपूर्ण ।
विशेष-१ से १६ एवं १० से धागे के पत्र नहीं है । मिन विषयों का संग्रह है।
विषय-सूची
वर्ता का नाम
भाषा
भट्टारक पावली कृष्णदास का रासो पर्वत पारणी को रासो बीच रासो भवान्न कवित
विशेष
१. का. सं. १७३३ र.का. सं. १७४६ ले. का. १७५२
ते. का.सं. १७१४
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५६४. गुटका नं. ६३--पत्र संख्या-६० से १२ | साइज-७४५ पाल-सं० १७६० भाष सुदी १५ । अपूर्ण ।
च । माषा-1हन्दी। लेखन