Book Title: Rajasthan ke Jain Shastra Bhandaronki Granth Soochi Part 3
Author(s): Kasturchand Kasliwal, Anupchand
Publisher: Prabandh Karini Committee Jaipur
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[ चरित्र एवं काव्य २४१. कुमारसंभव - कालिदास | पत्र संख्या १३ | साइज - १०३८५३ इञ्च । भाषा संस्कृत | विषय-काव्य । रचना काल - X 1 लेखन काल - सं० १४८९ श्राषाट । पूर्ण । देष्टन नं० ४८५ ।
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विशेष- प्रति संस्कृत टीका सहित है ।
प्रशस्ति संवत् १४८६ वर्षे यात्रामा बटपद्रवास्तव्य दीसावालजातीय नवेद सुत व्यास पद्मनामेन कुमार संमत्रकाव्यमलेखि । शुमंभत्रतु । भट्टारक प्रभु संखारखारय विदारणसिंह श्री सोमसुन्दर सूरिश्चिरंनंदतु । प्रति सुन्दर है ।
२४२. चंदनाचरित्र - शुभचंद्र । पत्र संख्या - २७ | साइज - ११३४४३६ | माषा-संस्कृत | विषय - चरित्र । रचना काल - X 1 लेखन काल - सं० १८६१ भादवा सुदी ८ पूर्ण । वेश्टन नं० १५७ ।
विशेष- शिवशाल साह ने प्रतिविवि कराई थी ।
२४३. चन्द्रप्रभचरित्र - पीरनन्दि । पत्र संख्या - १४३ | साइज - १३४५ इव । माषा-संस्कृत । विषय-काव्य । रचना काल -X | लेखन काल - सं० १५५७ भादवा सुदी १० पूर्ण जेष्टन नं० ६७ ।
विशेष- इसमें कुल १८ सर्ग हैं प्रभाष संख्या २५०० लोक प्रमाण हैं। प्रारम्भ के १४ पृष्ठों पर संस्कृत टीका भी दी हुई है।
२४४. चन्द्रप्रभचरित्र - कवि दामोत्र | पत्र संख्या - २०२ । साइज - १२३४५ इञ्च । माषा-संस्कृत | विषय-चरित्र । रचना काल स० १७२३ । लेखन काल - १०५० माघ सुदी १ । पूर्ण । वेप्टन नं० २३३ ।
विशेष - जयपुर में प्रतिलिपि हुई थी ।
२४५. चारुदत्तचरित्र - भारामल्ल 1 पत्र संख्या ५१ | साइज - १२४ च । भाषा - हिन्दी (पथ)। त्रिषय- चरित्र । रचना काल -X | लेखन काल -X | पूर्णं । वेष्टन नं० ७६ ।
विशेष-पथ संख्या ११०६ है ।
२४६. जम्बूरश्रमीचरित्र - ब्रह्म जिनदास । पत्रसंख्या- ७२ । सहिजे - १२x४
संस्कृत । विषय--चरित्र | रचना काल --X | लेखन काल - X | पूर्ण । वेष्टन नं० २४२ |
इभ्च । मात्रा
२४७. जम्बूस्वामी चरित्र - नाथूराम । पत्र संख्या - ३२ | साइज - १२३ - इ । माषा - हिन्दी गय | विषय - चरित्र । रचना काल - X। लेखन काल -X | पूर्ण वेश्वन २०
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प्रारम्भ - प्रथम प्रणमी परमेष्टिगण, प्रणमी सारद माय ।
गुरु निर्माय नमो सदा, मत्र मय में सुखदाय ॥ १ ॥ धर्म दया हर ध, सब विधि मंगलकार । जम्बूस्वामी चरित, की करू वचनिका सार ॥२॥