Book Title: Rajasthan ke Jain Shastra Bhandaronki Granth Soochi Part 3
Author(s): Kasturchand Kasliwal, Anupchand
Publisher: Prabandh Karini Committee Jaipur
View full book text
________________
चरित्र एवं काव्य ]
[ २०६ विशेष-एक प्रति और है।
२३६. सुगंधदशमीव्रतोद्यापन पूजा-पत्र संख्या-२२ । साइज-४६३ इम्य | माषा-संस्कृत । विषय-पूजा । स्चना काल-X । लेखन काल-x। पूर्व । वेष्टन नं. ४४ !
विशे:..- किमतीचा वापी संरकत न है।
२३७. सोलहकारल्जयमाल-पत्र संख्या-१४ 1 साइज-11x५ इन्च । माषा-अपभ्रश | विषयपूजा । रचना काल-X । लेखन काल-सं. १८३५ सावन मुदी । पूर्ण । वेष्टन मं० ७.।
विशेष-श्रीचंद ने अयपुर में श्री शान्तिनाय चैत्यालय में प्रतिलिपि की थी।
२३८. सौख्यकास्यव्रतोद्यापन विधि-अक्षयराम । पत्र संख्या ८ । साइज-६x४५ इन्च । माषासंस्कृत । विषय-पूजा । रचना काल-स. १८२० भादवा बुदो ४ । लेखन काल-१० १८१८ कार्तिक मुदी ६ । पूर्ण। वेष्टन नं. ११३।
विषय-चरित्र एवं काव्य २३६, ऋषभनाथचरित्र-सालकीर्ति । पत्र संख्या-२३११ साइज-११४४३ च । भाषासंस्कृत । विषय चरित्र । रचना काल-X । लेखन काल-सं० १६६६ माह बुदी १० । पूर्ण । वेष्टन नं० २२० ।
विशेष--मल्हारपुर में चांदवाड गाव वाली बाई लाडा तसिया मागा ने प्रतिखिपि कराई थी। एक प्रति
और है।
२४०. किरातार्जुनीय-महाकवि भारघि । पत्र संख्या-१६८ ! साइज-११४५ इञ्च । मापासंस्कृत | विषय-काव्य | रचना काल-४। लेखन काल-X । पूर्ण । वेष्टन नं. ४८) ।
विशेष—प्रारम्म के ३१ पन दुसरी प्रति के हैं। पत्र १२ से १६८ तक दूसरी प्रति , के है जिसमें श्लोकों पर हिन्दी में अर्थ भी दिया हुआ है।