Book Title: Rajasthan ke Jain Shastra Bhandaronki Granth Soochi Part 3
Author(s): Kasturchand Kasliwal, Anupchand
Publisher: Prabandh Karini Committee Jaipur
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२२६.]
३२०. बाराधमाकथाकोश -- पत्र संख्या-५६ । साइन- था । रचनाकाद-४ । लेखन काल-X । पूर्वी । श्रेष्टन ० ८८ |
[ कथा एव रासा साहित्य इन । भाषा-हिन्दो पद्य । विषय
निम्न कमानी का संग्रह है:---
सम्यवायोन कथा, प्रकल-क स्वामी की कमा, समंतभद्राचार्य की कंघा, सनतकुमार चऋत्रत की कथा, संजयंत मुनि की कमा, मधुपिंगल की कथा, नागदत्त मुनि की कमा, ब्रह्मदस चक्रवर्ती की कथा, अंजन चोर की कमा, अनंतमति की कथा,
यापन ग़जा की कथा रेवती रानी की कथा, जिनेन्द्र मक्त सेट की कथा, वारिषेण की कथा, विशुमार कया, वनकुमार कया, पानि कर कथा, तथा जन्यस्वामी का । ये कुल १८ कथाएं हैं।
३२१. नन्दीश्वरविधान कथा-पत्र संख्या- साइज-१.१४४३ इन्न । भाषा- त | विषयकथा ।रचना काल-X1 वन काल-x पूणे । वेटन नं. ११४ ।
विशेष प्रति प्राचीन है।
३२२. नन्दीश्वरवत कथा-शुभचंद्र। पत्र संख्या-साज-iix इज। माषा-मं11 चिय-कथा । रखना काल-X वन काल-~। पूर्ण । वेष्टन नं० ४३ ।
विशेष-एक प्रति और है।
३२३. नागकुमारपंचमी कथा-मल्लिषेण सूरि । पत्र स्पा-२६ । साज-१.xx1 भाप:। विषय-कया । रहना काल-X । लेम्पन काल-x | पूर्ण । न नं. ८१ ।
विशेष-४ सर्ग है | अंथ श्लोक संख्या ४५ प्रमाण है।
२२४. निशिभोजनकधा-भारामल्ल ! पत्र संख्या-10 साज-१.४८ ३२ । भोपा-हिन्दी पद । विषय--कथः । रचना काल-x लेखन काल-x। पूर्ण 1 प्रेशन नं ११ ।
प्रति प्राचीन है।
३२५. पुण्याश्रवकथाकोष-दौलतराम । परस्या -११ | साइज-१३४६ हनन । मात्रा-हिन्दी। गय । विरग-कथा । रचना काल-X । लेखन काल सं. १:। पूर्ण । बटन नं० ६२ ।
विशेष-एक पति और है।
३२६. भक्तामरस्तोत्र कथा-पत्र संख्या-३७ । साइज-!x३ । भाषाकृत | विषयक्या । रचना काल-X । लेखन काल-X1 यपूणे । वेष्टन नं० २१५ ।
२२७. भक्तामरस्तोत्रकथा भाषा--विनोदीलाल । पत्र संख्या-१७३ | महज- x= | झापा-'हन्दी मद्य । विष-कमा । चना काल-सं० १७४६ सावन मही। सन काल-i. १९४७ । पूर्ण | बेन