Book Title: Rajasthan ke Jain Shastra Bhandaronki Granth Soochi Part 3
Author(s): Kasturchand Kasliwal, Anupchand
Publisher: Prabandh Karini Committee Jaipur
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पुराण साहित्य ]
[ २२३ विशेष-प्रशस्ति थपूगई है। अजमेर पट्ट के भ. देवेन्द्रकीर्ति के पक्ष में प्राचार्य रामकीति के समय में लश्कर ग्वालियर ) में आदिनाय चैत्यालय में प्रतिलिपि की गयी भी। इसमें ६६ से ६८ तक पत्र नहीं है।
एक प्रति और है । यह प्रति प्राचीन है ।
३०२. मिजिनपुराण--ब्रह्मने मिदत्त । पर हल्या-५८३ । साइज-११४५ इञ्च । माषा-संस्कृत । विषय-पुराग । रचना काल-X । लेखन काल-सं० १६१२ श्रापाट पुदी १३ । पूर्ण । बेष्टन नं० २२० ।
विशेष-तक्षगह में राजा रामचंद्र के शासन काल में यादिनाथ चैत्यालय में प्रतिलिपि की गई थी। : प्रतिमा और हैं।
३८३. पद्मपुराण-रविषणाचार्य । पत्र संख्या-१ से १५० | साइज-:३४६, इ! भाषासंस्कृत । वषय-पुराण | रचन। काल-| सेखन कान-X । अपूर्ण । वेष्टन नं० १६१ ।
३०४. पापुराण-पं० दौलतराम । पत्र संख्या-६२१ । साइज-१२४६३ 1 भाषा-हिन्दी गय। विषय-पुराण । रचना काल-सं०१८२३ माघ सुदी लेखन कार--:50. श्री
रन नं. ५=
विशेष---दयाचंद चांदना ने लिपि की की।
३०५. पाण्डवपुराण---शुभचंद्र । पत्र संख्या-२०२। साइज १२:४६: इन | भाषा-संस्कृत । विषय-पुराया . रचना काल-सं० १६० भादवा बुदी २ । लेखन काल-२० १७६.२ श्रासोज मुदी १५ । 'पूर्ण । वेष्टन नं ४१
विशेष---श्वेताम्बर यति गोरखदास ने वसत्रा में प्रतिलिपि की भी।
३०६. बलभद्रपुराण-रइधू | पप संख्या-१५५ | साइज-१२८४ इन। भाषा-अपनश । विषय-पुरःण । रचना काल-x | लेखन काल-० १७३२ फागन चुदी १४ । पूर्ण । वेष्टन नं० १६ ।
विशेष -औरंगजेत्र के शासनकाल में बैराठ नगर में अग्रवाल बंशीत्पन्न मुमिल गोत्रीय संघी साचु के वशंज संधी श्री कुशलसिंह ने प्रेमराज से प्रतिलिपि कराई थी।
३८७ रामपुरास्य पद्मपुराण ;-भः सोमसेन | पत्र संख्या-२:४ | साइज-११:४५६ १५ । भाषा-संस्कृत ! विषय-पुराण । रचना काल-सं० १६५६ । लेखन काल-सं० १६२८ माह मुदी ७ । पूर्ण । वेटन नं० २५६
विशेष - श्वेताम्बर जयदास ने प्रतिलिपि कमी । कुल ३ अधिकार हैं। अगामय संरूगा-, एलॉक प्रमाण है।
____३०८, वर्द्धमानपुराण-सकलकीति । पत्र संख्या-१६ | साज-२६x६ इन्च | भाषा-ind | विषय--पुराग्य । रचना काल-x। लेखन काल-२०१८५८ | पूर्थ । वेष्टन नं० २५ ।