Book Title: Rajasthan ke Jain Shastra Bhandaronki Granth Soochi Part 3
Author(s): Kasturchand Kasliwal, Anupchand
Publisher: Prabandh Karini Committee Jaipur
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[ पंजा एव प्रतिष्ठादि अन्य विधान १५४. अष्टक - पत्र संख्या - १ | १०४३६ भाषा-संस्कृत विषय-पूजा । रचना -४ | लेखन काल -X | पूर्ण | वेष्टन नं० ४३ ।
१५४. अप्राहिकापूजा"
पूजा । रचना काल -X | लेखन काल -X | पूर्ण
पत्र संख्या १०१ साइज ७३४ पंच भाषा-संस्कृत प्रा वेष्टन नं० १२५ ।
१५६. अष्टाह्निकापूजा - पत्र संख्या ७ | साइज १६ भाषा-संस्कृत विषय-पूजा रचना
काल -x | लेखन काल - । श्रपू । श्रेष्टन नं० ४
विशेष - जय से आगे पाट नहीं है ।
१५७. अष्टाह्निकापूजा - शुभचंद्र । पत्र संख्या - २ | साइज - १०३x६ इञ्च । माषा-संस्कृत | विषय - पूजा | रचना काल -X | लेखन काल -X | पूखं । वेष्टन नं० ३७ ।
विशेष -- प्रति प्राचीन है। व० श्री मेघराज के शिष्य व सबजी के पठनार्थ लिपि की गई थी ।
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१५८. इन्द्रध्वजपूजा - विश्वभूषण पत्र संख्या ६६ । साइज - ११५ ३० । भाषा-संस्कृत विषय--पूजा । रचना काल-X | लेखन काल - सं० १८२०१२ | पूर्ण वेष्टन नं० ३३ ।
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१५६. कलिकु उपार्श्वनाथपूजा-पत्र संख्या- ६ । साइज - ( ६ इ | भाषा-संस्कृत | विषय - पूज । रचना काल-X | लेखन काल -x | पू । त्रेटन नं ४ |
विशेष – पत्र ४ से चिन्तामणिपार्श्वनाथ पूजा भी है।
१६०. कर्मदहनपूजा - टेकचंद | पत्र संख्या - १६ | साइज - १३७ । माषा - हिन्दीपूजा । रचना काल - X 1 लेखन काल -X पूर्ण वेष्टन न० १३ । I
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१६१. कौल कुतुहल – पत्र संख्या ३८४ | साइज - रचना काल -X | लेखन काल सं० १९०१ पौष सुदी २ । दुष्टन मं० १०७ |
| माषा-संस्कृत विषय-विधि विधान |
विशेष— यज्ञादि की सामन्त्री एवं विधि विधान का वर्णन है। कुल ६१ श्रध्याय हैं ।
१६२. गणधरवलयपूजा शुभचंद्र । पत्र संख्या - १० । साइज - १०३९४ / आषा-संस्कृत विषय-पूजा । रचना काल -x | लेखन काल -x । पूर्ण | बेष्टन नं ० ११७ ।
विशेष प्रति प्राचीन है ।
१६३. गिरनार सिद्ध क्षेत्रपूजा - हजारीमल्ल । पत्र संख्या - २६ साइज - १२३० ६०५ मात्राहिन्दी | विषय-पूजा । रचना काल सं० १६२० बसोज मुदी १२ | लेखन काल -X | पूर्ण | वेष्टन नं
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