Book Title: Rajasthan ke Jain Shastra Bhandaronki Granth Soochi Part 3
Author(s): Kasturchand Kasliwal, Anupchand
Publisher: Prabandh Karini Committee Jaipur
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संग्रह ]
[१५४
संस्कृत
सिद्धि निय स्तोत्र कल्याण मंदिर स्तोत्र विषापहार स्तोत्र नेमीश्वरगीत जखडी नेमीश्वर राजमति गीत मेधभुमार गीत मुमित्रा तुति ज्येष्ठजिनवर कपा
देवनन्दि कुमुदचंद्र धनंजय जिनहर्भ अनंत की ति
हिन्दी
स्नना काल सं० १७५८ भादवा सुदी १.
विनोदीलाल
पूनो
गुरके के प्रारम्भ के 2 पत्र नहीं हैं ।
लेखन कारल-x।
८३०. गुटका नं०१४१ । ११ख्या -१२ साज-७४६ इन।भाषा-हिन्दी बाणं । वेष्टन नं० १२५३ ।
विशेष - सामान्य पातों का संग्रह है।
| साज-2x । भाषा-संस्कृत-हिन्दी ।
८३१. गुटका नं. ५४२ । पत्र संख्या-१५ लेखन काल-० १८११ । मपूर्ण । वेष्टन नं० १२१४ ।
भाषा
विशेष
संस्कृत
विषय-सूची पार्श्वनाम जयमाल कलिकुंड पूजा चिंतामणिपूजा शान्ति पाठ सरस्वती पूजा ষণা ধূলা महावीर विनती
। । ।
लेका सं० २०११ जेठ चुदी र
हिन्दी
जिशेष--चाँदनगांव के महावार को विनती है। इसमें ११ अंतरे है । यन्य पाठ भी है।
८३२. गुटका नं० १४३ । पत्र संख्या-१ • 1 साजxx६३ इञ्च । माषा-हिन्दी-संस्कृत । लेखन काल-२०१८१३ । अपर्ण । बेश्टन ० १२५५ ।
विशेष-निम्न पाठों का संग्रह है।