Book Title: Rajasthan ke Jain Shastra Bhandaronki Granth Soochi Part 3
Author(s): Kasturchand Kasliwal, Anupchand
Publisher: Prabandh Karini Committee Jaipur
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[ संमह
७००१
१३८ ]
७७४. गुटका नं.८४ । पत्र संख्या-३४ | सारज-exerच | माषा-दिस्यो। लेखन काल--x पूर्व । पेष्टन न० १०६ |
विशेष-१८ सय श्रादि की चर्या, नरक दुःख वर्णन, द्वादशानुप्रेक्षा आदि हैं ।
७७५. गुटका नं०८५। पत्र संख्या-१४ से १४६ | साइज-६४५ इञ्च 1 भाषा-हिन्दी-संस्कृत ।। खेसन कल-xi अपूर्ण टिन नं० १.११ ।
विशेष- सामान्य पाठों के अतिरिक्त कुछ नहीं है । गौच के बहुत से पत्र नहीं है।
७७६. गरका २००६। पत्र संख्या-१३१ | साइज-६x४ इन्च । माषा-संस्कृत। शेखन काल-x! पूर्ण । वेष्टन - १० ॥
विशेष-सोत्र एवं पाठों का संग्रह हैं।
७ गुटका नं.८७ । पत्र संस्था-१६ । साइन-१.३४४ इञ्च । माषा-हिन्दी। निदय-संग्रह । शेखन -X). | वेटम में १०६३ ।
विशेष- क चर्चाश्रों का संग्रह है।
७७८, गुटका नं. ८८। पत्र संख्या-६८ REE-xx इश्च । माषा-हिन्धी । विषय-संग्रह। लेखन काल--- । पूर्ण । टिन नं० १०६४ ! विषय-सूची
कों भाषा
विशेष दीतबार क्या माऊ
१५५ पथ रानोश्चर देश की कमा
" (गण) का० सं० १५६ वैत मुदी.२ शारातचीत की बात पार्वनाम स्तवन विनती नेमशील वर्षन पद
ले.का.सं १८१ ७६. गुटका नं० २ | पत्र संस्था-१३ । साज-६x६ सय | भाषा-संस्कृत हिन्दी । लेखन काल-४। पूर्ण वैष्टन:१.६५।
बिसेम-गुटके में पूजा संग्रह हवा स्वर्ग नरस का वर्णन दिया हुआ है।
50. गुटका 10801 पत्र संख्या-११० । साइज-५४३३ इन्च । माषा-हिन्दी-संस्कृत | लेकन कास-४ | पूर्ण । बेपन नं. १.११।