Book Title: Rajasthan ke Jain Shastra Bhandaronki Granth Soochi Part 3
Author(s): Kasturchand Kasliwal, Anupchand
Publisher: Prabandh Karini Committee Jaipur
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संग्रह]
[ ११३
स्तुति
हिन्दी __ पदसँग्रह - रूपचन्द्र, दीपचन्द, टेकतन्द, हर्षचन्द, धर्मदास, सुधरदास और बनारसीदास प्रादि कत्रियों के हैं ।
७०१. गुटका नं० १२ | पत्र संख्या-७२ । साइज-१०x.३ इन् । भाषा-हिन्दी । रचना काल-x { लेखन काल-X । अपूर्थ । वेस्टन नं ० ४८६ ।
विशेष-पूजाधों का संग्रह है।
७०२. गुटका नं०१३। पत्र संख्या- ६४ ! साइज-६x६३ च । भाषा-हिन्दी । लेखन काल-सं० १८४२ । पूर्ण । वेष्टन न. ५८८ |
विशेष
कर्ता का नाम
माषा
विशेष
हिन्दी
विषय-सूची चौवीस ठाणा चर्चा फुदेव स्वरूप वर्णन मोक्षपडी
बनारसीदास
१४। पत्र मंगा-३ । सा-४४३ इT Fषा-हिन्दी । लेखन काल-x।
७०३. गुटका प्रपूर्ण । वेष्टन नं. ५८६ ।
विशेष-पूजा संग्रह, कल्यायमन्दिर स्तोत्र समयसार नाटक भाषा-(बनारसीदास) श्रादि पाठों का संग्रह है।
७०४, गुटका नं०१५ | पत्र संख्या-२६२ । सहज-Ex६ इञ्च | भाषा-हिन्दी | लेखन कालसं० १७५६ । पूर्ण । श्रेष्टन नं० ६३५ ।
कर्म का नाम
पत्र
भोपालरास
मझरायमल्ल
विशेष
रचनाकाल १६३० ग्राषाट सुदी १३ १६२८ भादवा सुदी २ १६१५ श्रावण सुदी १३ १६२६ पैशाख सुदी ।
२६-४४
४४-५६
५६-७६
७६-
८
प्रद्युम्नरास नेमीश्वररास सुदर्शनरास शीलरास विजयदेव सूर पठारह नाता का वर्णन लोहट धर्मरास रविवार की कया भाऊ कवि अध्यात्म दोहा रूपचन्द
५८-६२ १२-११४ १०४-११३ ११३-११७
१०३ दोहे हैं।