Book Title: Rajasthan ke Jain Shastra Bhandaronki Granth Soochi Part 3
Author(s): Kasturchand Kasliwal, Anupchand
Publisher: Prabandh Karini Committee Jaipur
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[ संग्रह भक्तामर स्तोत्र मावा
हेमराज . चिन्तामणि मान रावनी मनोहर कवि
२० पय है । अपूर्ण कलियुग चरित
१. पद्य हैं। ६६८, गुटका नं० । पत्र संख्या-१३१ साज-tx६ च । माषा-हिन्दी । लेखन काल-सं० १८१२ पूर्ण । वेष्टन नं. ४४६ ।
विशेष-सामायिक पाठ हिन्दो टीका सहित अन्य पाटों का संग्रौ ।
६६. गुटका नं०१०। पत्र संख्या-४४ । साइज-६x४ इम्च । माषा-हिन्दी। लेखन कालसं. १८८ अषार सुदी ८ । अपूर्ण । पैप्टन नं. ४५० ।
विशेष पूजा पाठ संग्रह है।
७००. गुटका नं०११ । पत्र संख्या-२६४ | साज-४६३ ६ । माषा-संस्त-हिन्दी-प्राक्त । लेखन काव-x पूर्ण । वेएन नं. ४५१।। विषय-सूची
कर्ता
भाषा भक्तामर स्तोत्र मानतुग
संस्कृत कल्याणमंदिर स्तोत्र कुमुदचन्द्र कर्मकाण्ड गाया
नेमिचन्द्र
प्राकत द्रव्यसंग्राह गाथा तत्वास्थ
उमास्वाति
संस्कृत नाममाला चौरासी बोल
हेमराज
हिन्दी निर्वाण काण्ड
भारत स्वयंम् स्तोत्र
समंतभद्र परमानंद स्त्रोत्र दर्शन पाठ कवणारक पार्थस्तोत्र
पपप्रमदेव पाश्वस्तोत्र चौबीस तीर्थकर पूजा रामचन्द्र
हिन्दी पूजा संग्रह .
" संस्कृत
संस्तत