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पुरुषार्थ सिद्धि उपाय : आचार्य अमत चंद्र स्वामी पुरुषार्थ देशना : परम पूज्य आचार्य श्री १०८ विशुद्ध सागरजी महाराज Page 178 of 583 ISBN # 81-7628-131-3 -2010:002
पाये, तो अब रात्रि भर चूहे लोटेंगें इसलिये बोले-नहीं पीना, नहीं पीना और हाथ पकड़ लियां मालूम पड़ा कि वह पी गयां दोनों कमरे में पहुँचें बोले-क्यों, आप तो पीते नहीं थे? अब क्या करूँ?वास्तव में पीता तो नहीं थां यानि नियम नहीं था, तो असंयम में गिर गयां इसलिए, ज्ञानियो! ध्यान रखना, चाहे आप एक दिन का नियम लो, पर नियम के संस्कार डालना शुरू कर दो, भले एक घण्टे का लों भो ज्ञानी! छोटे-छोटे नियम लेते रहोगे तो एक दिन संयमी बन जाओगे, महाव्रती बन जाओगें इसलिए अपने जीवन में अव्रत के साथ जीना उचित नहीं है, व्रती बनकर ही जिओं
महावीर चौक भगवान 1008 श्रीमहावीर स्वामी की
21 फुट ऊबीखड़गासन प्रतिमा महावीर चौक , जयपुर
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